युवाओं को रोज़गार अब कैसे देगी कमलनाथ सरकार ,फ्लॉप हुई यह योजना

भोपाल:- कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में चुनाव जीतने से पहले अपने 'वचन पत्र' में कई तरह के वादे किये थे| सस्ती बिजली,किसानों को सुविधाएं और भी बहुत सारे वादे|पर सबसे बहुचर्चित था युवा स्वाभिमान योजना| एक अरसे के बाद सत्ता में आयी कांग्रेस युवाओं को लुभाने के लिए यह योजना लाई थी| इस योजना का मक़सद था युवाओं को अस्थाई रोज़गार देना|लेकिन साल भर के भीतर ही कमलनाथ सरकार की ये बहुप्रचारित योजना दम तोड़ती नजर आ रही है|
क्या है युवा स्वाभिमान योजना
इस योजना के तहत सहरी युवाओं को 100 दिन का रोज़गार दिया जाना था जिसमें उनके प्रशिक्षण के साथ-साथ 4 हजार रुपये महीने के हिसाब से कुल 12 हजार रुपये मानदेय भी मिलना तय किया गया|इस योजना को फ़रबरी 2019 में लांच भी कर दिया गया|योजना की शुरुआत में बड़ी संख्या में लोग इसकी तरफ आकर्षित हुए लेकिन साल भर के भीतर ही युवाओं ने इस योजना से दूरी बना ली है|
क्यों फ्लॉप हुई यह योजना
आखिर बेरोजगार युवाओं के लिए देश मे अपनी तरह की ये पहली योजना अब दम तोड़ती क्यों दिख रही है?इसकी पड़ताल हुई तो पाया गया कि युवाओं ने भारी संख्या में पंजीयन तो करवाए परन्तु कभी ट्रेनिंग के लिए नहीं गए,इसके पीछे उनका तर्क था कि उन्हें ट्रेनिंग सेंटर उनके अनुकूल नहीं दिए गए| कुछ के ट्रेनिंग सेण्टर उनके घरों से काफी दूर दिए गए और किसी तरह की सुविधा का कोई ख्याल नहीं रखा गया|युवाओं के लिए रोज़गार अभी सबसे बड़ी समस्या है ऐसे में ऐसी योजनाओं का फ्लॉप हो जाना निंदनीय है|