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तुम मुझें खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा…जिनकी मौत एक रहस्य बन कर रह गई…सुभाष चंद्र बोस को नमन

तुम मुझें खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा…जिनकी मौत एक रहस्य बन कर रह गई…सुभाष चंद्र बोस को नमन

युवाओं में आज़ादी की अलख़ जगाने वाले, खून के बदले आज़ादी देने वाले, महान प्रेरणादायी नेता सुभाष चंद्र बोस को उनकी जयंती पर शत् शत् नमन…बोस ने दुनिया को कुछ इस तरह अलविदा कहा कि लोगों के लिए आज तक वो एक रहस्यमयी कहानी है कि आखिर सुभाष चंद्र बोस की मौत कैसे हुई? जिसका किसी को पता नही चला।

पिता के कहने पर सुभाष चंद्र बोस ने आईएएस की परीक्षा पास की पर वह ज्यादा दिन नौकरी नहीं कर पाए और ब्यूरोक्रेट की नौकरी छोड़ भारत वापस आ गए। 1921 में उनकी मुलाकात अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी से हुई, वहीं उन्होंने बापू को राष्ट्रपिता का दर्जा दिया। आजाद हिंद फौज की स्थापना करने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक में हुआ था। बचपन से ही इनमें अंग्रेजों के खिलाफ गुस्सा भरा था। यही कारण है कि पिता के कहने पर सुभाष चंद्र बोस ने आईएएस की परीक्षा पास की पर वह ज्यादा दिन नौकरी नहीं कर पाए और ब्यूरोक्रेट की नौकरी छोड़ भारत वापस आ गए।

आज हमारे अंदर बस एक ही इच्छा होनी चाहिए, मरने की इच्छा ताकि भारत जी सके; एक शहीद की मौत मरने की इच्छा ताकि स्वतंत्रता का मार्ग शहीदों के खून से प्रशस्त हो सके।

सुभाष की प्रेम कहानी

सुभाष चंद्र बोस के बड़े भाई शरत चंद्र बोस के पोते सुगत बोस ने सुभाष चंद्र बोस के जीवन पर 'हिज़ मैजेस्टी अपोनेंट- सुभाष चंद्र बोस एंड इंडियाज स्ट्रगल अगेंस्ट एंपायर' किताब लिखी है. इसमें उन्होंने लिखा है कि एमिली से मुलाकात के बाद सुभाष के जीवन में नाटकीय परिवर्तन आया.  सुगत बोस के मुताबिक इससे पहले सुभाष चंद्र बोस को प्रेम और शादी के कई ऑफ़र मिले थे, लेकिन उन्होंने किसी में दिलचस्पी नहीं ली थी. लेकिन एमिली की ख़ूबसूरती ने सुभाष पर मानो जादू सा कर दिया. “प्यार की पहल सुभाष चंद्र बोस की ओर से हुई थी और धीरे धीरे हमारे रिश्ते रोमांटिक होते गए. ऑस्ट्रिया के एक कैथोलिक परिवार में जन्मी एमिली के पिता को ये पसंद नहीं था कि उनकी बेटी किसी भारतीय के यहां काम करे लेकिन जब वे लोग सुभाष चंद्र बोस से मिले तो उनके व्यक्तित्व के कायल हुए बिना नहीं रहे.सुभाष और एमिली ने आपस में शादी कर ली. ये शादी कहां हुई, इस बारे में एमिली ने कृष्णा बोस को बताया कि 26 दिसंबर, 1937 को, उनकी 27वीं जन्मदिन पर ये शादी आस्ट्रिया के बादगास्तीन में हुई थी, जो उन दोनों का पसंदीदा रिजार्ट हुआ करता था.

महान नेता सुभाष चंद्र बोस का जीवन थोड़ा रहस्यमयी रहा….न उनकी शादी का किसी को पता चला और न ही मौत का।

 

 

 

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