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इंदौर हाई कोर्ट में डायन ने दी दस्तक, न्यायालय ने दिया प्रदेश सरकार को नोटिस

इंदौर हाई कोर्ट में 'डायन' ने दी दस्तक, न्यायालय ने दिया प्रदेश सरकार को नोटिस

डायन कुप्रथा को लेकर महिलाओं और कई बार पुरुषों को भी प्रताडि़त करने के खिलाफ हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। जस्टिस एससी शर्मा और जस्टि शैलेंद्र शुक्ला की युगल पीठ ने प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्या मप्र में भी डायन कुप्रथा के नाम पर महिलाओं को प्रताडऩा झेलना पड़ रही है। कोर्ट ने इस मामले सरकार सहित महिला सुरक्षा से जुड़े विभागों से विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं।

क्या कहा गया याचिका में

याचिका में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़े भी पेश किए गए हैं जिसके मुताबिक 2005 से 2018 के बीच डायन कुप्रथा के चलते 200 महिलाओं की हत्या कर दी गई है। इसके अलावा दर्जनों महिलाओं के साथ दुष्कर्म भी किया गया है। आदिवासी इलाकों में इस कुप्रथा का अधिक प्रकोप है और डायन के अलावा इसे डाकन प्रथा भी कहते हैं। इसमें महिलाओं को प्रताडि़त करने के लिए नग्न कर गांव में घुमाना, जंजीरों में बांध कर रखना, कोड़ों से पिटाई करना, गंजा करना सहित अन्य घृणित तरीकों का इस्तमाल किया जाता है। मंदसौर के लॉ स्टूडेंट अमन सेठिया ने यह याचिका दायर की है और खुद ही पैरवी भी कर रहे हैं।

किन प्रदेशों में बना कानून

अमन ने बताया इस मुद्दे पर बिहार, झारखंड, उड़ीसा, असम, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सख्त कानून बना दिए गए हैं। मप्र में भी इसकी जरूरत है।याचिका पर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव के अलावा गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विभाग को भी नोटिस जारी किए गए हैं।

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