- फॉलेन आउट अतिथि विद्वानों की सेवा बहाली हमारी प्राथमिकता – मीना सिंह
- नियमितीकरण तथा कोरोना काल मे वेतन भुगतान हेतु अतिथिविद्वानों ने सौंपा ज्ञापन
भोपाल :- भारतीय जनता पार्टी की शिवराज सिंह चौहान सरकार(Shivraj Govt.) अतिथि विद्वानों (AtithiVidwan)की समस्याओं के प्रति संवेदनशील है। हम जल्द फॉलेन आउट अतिथिविद्वानों की सेवा बहाली व नियमितीकरण पर निर्णय लेंगे। यह बातें मध्यप्रदेश सरकार में एकमात्र महिला कैबिनेट मंत्री मीना सिंह (MeenaSingh)ने अपने गृह जिले उमरिया के प्रवास पर उपस्थित हुए अतिथि विद्वानों के एक प्रतिनिधिमंडल से कहीं। उल्लेखनीय है कि उमरिया में फॉलेन आउट अतिथिविद्वान डॉ राजू रैदास के नेतृत्व में अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा की ओर से मंत्री मीना सिंह को ज्ञापन भी सौंपा गया। प्रतिनिधिमंडल में डॉ मंसूर अली, डॉ जेपीएस चौहान एवं रामायण वर्मा शामिल रहे। ज्ञापन में अतिथि विद्वानों की ओर से कहा गया है कि कोरोना संकट ने अतिथिविद्वानों की आर्थिक स्थिति को जर्जर कर दिया है। जहां प्रदेश सरकार संकट की इस घड़ी में मज़दूरों(Labours) और किसानों (Farmers)की भरपूर मदद कर रही है।कोरोनाकाल के दौरान सभी फॉलेन आउट अतिथिविद्वानों को भी न्यूनतम मानदेय भुगतान किया जाए जिससे वे अपने परिवार का भरण पोषण करने की स्थिति में रहे।
फालेन आउट अतिथिविद्वानों के सम्बंध में जल्द लिया जाएगा निर्णय:-
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के मीडिया प्रभारी डॉ आशीष पांडेय(Dr Ashish Pandey). के अनुसार मंत्री मीना सिंह ने फॉलेन आउट अतिथि विद्वानों के प्रति सहानुभूति जताते हुए जल्द निर्णय लेने की बात कही है। मंत्री जी द्वारा स्पष्ट कहा गया है कि कोरोना संकट के कारण बहुत सारे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा नही हो पा रही है। इस संकटकाल में सरकार का पूरा ध्यान इस विपदा से प्रदेश वासियों को बाहर निकालना है यही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। अतिथि विद्वानों मुद्दा भी बेहद महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक है इस पर जल्द निर्णय लिए जाएंगे।
अतिथि विद्वान नियमितीकरण हेतु दृढ़संकल्पित हैं:-
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा में संयोजक डॉ देवराज सिंह ने कहा है कि प्रदेश के सभी अतिथिविद्वान अपने नियमितीकरण हेतु दृढ़संकल्पित हैं। हमने लंबा संघर्ष किया है हमारे मुद्दे पर ही सरकार सरकारें बनी हैं। हमारी पहली मांग फॉलेन आउट अतिथि विद्वानों की शीघ्र बहाली है, तत्पश्चात अतिथि विद्वानों का नियमितीकरण करे सरकार। कोरोना संकट ने अतिथिविद्वानों की मानसिक और आर्थिक स्थिति को अस्थिर कर दिया है
अतिथि विद्वानों के मुद्दे पर ही शिवराज सरकार का कमबैक:-
अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के प्रवक्ता मंसूर अली ने कहा कि हमारी पीड़ा से मुख्यमंत्री जी भलीभांति परिचित हैं, अतिथि विद्वानों के मुद्दे को उन्होंने विधानसभा में भी प्रमुखता से उठाया था । यहां तक कि अतिथि विद्वान ही वह सीढ़ी हैं जिससे भाजपा सरकार फिर सत्ता के सिंहासन पर पहुंची है। हमें पूरी आशा है कि जल्द सभी फॉलेन आउट अतिथि विद्वानों की सेवा बहाली और फिर नियमितीकरण का श्रेयस्कर निर्णय वर्तमान सरकार लेगी।