आज NRC बिल संसद में पेश होना है | लेकिन इसका विरोध शुरुआत से ही पुरे देश के साथ पूर्वोतर के राज्यों में ज्यादा हो रहा है| इसको कुछ सवालों से समझे-
- आखिर क्यों देश के गृहमंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने ही असम सरकार के मंत्रियों के सवालों का जवाब नहीं दे पा रहें है?
- NRC पर सरकार के ही कुछ चंद नेताओं मंत्रियों का ही समर्थन है जैसे – गृहमंत्री अमित शाह, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के साथ बीजेपी के ही मंत्री साथ में है| हालांकि इनके अलावा असम सरकार भी विरोध कर रही है|
- सरकार इस बिल के आड़ में क्यों धर्म की राजनीति कर रही है|
- सरकार दावा कर रही है की इस बिल के आने से घुसपैठियों को रोका जायेगा | जबकि समझ नहीं आ रहा की सरकार ये कैसे उम्मीद कर रही है की जिन लोगों को इस बिल के माध्यम से भारत में आने की इज़ाजत दे रहें हो, तो क्या पैमाना होगा की वो लोग घुसपैठि नहीं होंगे ?