सभी खबरें

रतन टाटा ने आखिर क्यों कहा- हमें शर्म आनी चाहिए ?

रतन टाटा ने आखिर क्यों कहा- हमें शर्म आनी चाहिए ?

देश में कोरोना का संक्रमण वैसे तो हर राज्य में है लेकिन ये आंकड़ें सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में ही है वही मुंबई का धारावी इलाका जो झुग्गी-झोपड़ियों के लिए जाना जाता है, वहां अबतक 150 लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। इतना ही नहीं इस खतरनाक वायरस के संक्रमण से 11 लोगों की मौत भी हो चुकी है। इन झुग्गियों में कोरोना संकट के लिए उद्योगपति और टाटा ग्रुप के चेयरमैन ने रतन टाटा ने आर्किटेक्ट और बिल्डरों को जिम्मेदार ठहराया है।

क्या कहा रतन टाटा ने

रतन टाटा ने सोमवार को योजनाकारों और प्रशासकों के लिए कोरोनोवायरस महामारी को “वेक-अप कॉल” बताया है। टाटा ने कोरोनावायरस महामारी को लेकर कहा कि यह बीमारी हमारे वजूद और हमारे काम करने के तरीके को बदल रही है। अब समय आ गया है कि हम गुणवत्तापूर्ण जीवन को लेकर चिंता करें।

साथ ही भविष्य के डिजाइन और निर्माण विषय पर एक ऑनलाइन चर्चा के दौरान रतन टाटा ने कहा, ‘कोरोना वायरस के कहर ने शहर में आवास के संकट को उजागर किया है। मुंबई के लाखों लोग ताजी हवा और खुली जगह से महरूम हैं। बिल्डरों ने ऐसे स्लम बना दिए हैं, जहां सफाई का इंतजाम नहीं है। वही एफोर्डेबल हाउसिंग और स्लम उन्मूलन दो आश्चर्यजनक विरोधी विषय हैं। हम रहन-सहन की बेहद खराब स्थितियों से स्लम को हटाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें दूसरे स्थानों पर फिर से बसाया जा रहा है। जहां से हम उन्हें हटाते हैं वहां हम उच्च कोटि के आवास डिजाइन करते हैं। ये स्लम विकास के अवशेष की तरह हैं। हमें शर्म आनी चाहिए क्योंकि एक तरफ तो हम अपनी अच्छी छवि दिखाना चाहते हैं दूसरी और एक हिस्सा ऐसा है जिसे हम छिपाना चाहते हैं।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button