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हमीदिया की बदहाल व्यवस्था : नॉन कोविड वार्ड फुल, बेड की किल्लत शुरू, स्ट्रेचर फंसाकर मरीजों का किया जा रहा है इलाज

मध्यप्रदेश/भोपाल – करीब 4 महीने पहले जब भारी तादाद में कोरोना मरीज मिल रहे थे, तब हमीदिया अस्पताल प्रबंधन ने 1 से लेकर 6 नंबर वार्ड तक सभी को कोविड डेडिकेटेड वार्ड में तब्दील कर दिया हैं। ऐसे में महज 1 वार्ड ही मेडिसिन डिपार्टमेंट के मरीजों को भर्ती करने के लिए बचा था। लेकिन अब परिस्थितियां पूरी तरह से बदल गई हैं, कोरोना मरीजों की संख्या में गिरावट के साथ ही नॉन कोविड मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई हैं। ऐसे में नॉन कोविड मरीजों के लिए बेड की किल्लत होना शुरू हो गई हैं।

आलम ये है कि नॉन कोविड मरीज़ो को बेड नहीं मिल रहे हैं, स्ट्रेचर पर ही भर्ती किया जा रहा है, जबकि कोरोना वार्ड में 350 से ज्यादा बेड खाली पड़े हैं। 
यहां दो बेड के बीच की जगह में स्ट्रेचर फंसाकर इन पर मरीजों को एडमिट कर इलाज किया जा रहा है। यह स्थिति मेडिसिन डिपार्टमेंट के वार्डों को कोरोना वार्ड में तब्दील करने के कारण बनी हैं। 

इस पुरे मामले में हमीदिया अधीक्षक डॉ. आईडी चौरसिया का कहना है कि यह सही है कि नॉन कोविड वार्ड फुल हो गए हैं। कोरोना मरीजों की संख्या कम है, ऐसे में कुछ कोरोना वार्ड को नॉन कोविड मरीजों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। भविष्य में जरूरत पड़ी तो इन वार्डों को फिर से कोविड मरीजों के लिए रिजर्व किया जाएगा।

अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों में 50 प्रतिशत से ज्यादा मरीज मेडिसिन डिपार्टमेंट में ही भर्ती होते हैं। ऐसे में कॉर्डियोलॉजी और सर्जरी डिपार्टमेंट के वार्ड में भी मेडिसिन डिपार्टमेंट के मरीजों को भर्ती किया जा रहा था, लेकिन अब इन डिपार्टमेंट में भी मरीजों को भर्ती किया जा रहा हैं। ऐसे में इन वार्डों के बेड भी नहीं मिल पा रहे हैं।

ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट – कोरोना से पहले 120 बेड थे, जो घटाकर 50 कर दिए। इन पर 58 मरीजों को भर्ती किया गया हैं।

सर्जरी डिपार्टमेंट – कोरोना से पहले 190 बेड थे, जो 150 किए हैं। सभी बेड भरे हैं, ऐसे में रोज 10 मरीज लौटाए जा रहे हैं।
 

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