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गोठान और सरकारी स्कूल की जमीन को भूमाफियाओं से, बचाने आगे आए रहलोन कला के ग्रामीण

गोठान और सरकारी स्कूल की जमीन को भूमाफियाओं से, बचाने आगे आए रहलोन कला के ग्रामीण

बहुमूल्य शासकीय सार्वजनिक जमीन पर अवैध कब्जाधारी बना रहे पीएम आवास

पटवारी सहित सरपंच-सचिव पर ग्रामीणों ने लगाये मोटी रकम लेकर अवैध कब्जा कराने के गम्भीर आरोप

सार्वजनिक भूमि बचाने व अवैध पीएम आवास निर्माण हटवाने की मांग को लेकर तहसीलदार और जनपद सीईओ को सौंपे हस्ताक्षरित ज्ञापन

मांग पूरी न होने पर दी सार्वजनिक आंदोलन की चेतावनी

लखनादौन /सिवनी से महेंद्र सिंघ नायक की रिपोर्ट : – हर गांव शहर में शासन की बहुमूल्य भूमि सार्वजनिक उपक्रमों जैसे स्कूल, अस्पताल, प्रशासनिक कार्यालय आदि के लिए होती है। इसके अतिरिक्त गरीब, भूमिहीन लोगों के रहने के लिए भी यही भूमि उपयोग में आती है; इसके साथ ही सार्वजनिक मैदान, रंगमंच एवं ग्रामीणों के निस्तार के लिए भी यही भूमि निर्धारित होती है। परंतु जब इस भूमि पर भू माफियाओं की नजर पड़ जाए तो, यह भूमि भी अतिक्रमण के दंश से बच नहीं पाती। नतीजा यह होता है की इस भूमि पर भी अतिक्रमण और अवैध निर्माण कुकुरमुत्ते की तरह उग आता है, कुछ समय बाद इसमें 1 इंच भूमि भी सार्वजनिक या शासकीय उपयोग के लिए नहीं बच पाती है।
      कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है सिवनी जिले के लखनादौन जनपद अंतर्गत आने वाले गांव रहलोन कला में, जो कि ग्राम पंचायत बावली के अंतर्गत आता है। यहां पर मुख्य मार्ग से लगा हुआ शासकीय जमीन का एक बड़ा हिस्सा जो अब भू माफियाओं के अतिक्रमण में समाप्त होता जा रहा है। अब से पहले यही भूमि का हिस्सा सार्वजनिक गौठान स्कूल के खेल मैदान और ग्रामीणों के सार्वजनिक उपयोग में आता था। परंतु ग्राम के ही कुछ भू माफियाओं ने इस पर अवैध कब्जा करके प्रधानमंत्री आवास बनाना शुरू कर दिया है। कमाल की बात तो यह है कि गांव वालों द्वारा इस पर आपत्ति जताने के बाद भी प्रशासनिक स्तर पर इनके अवैध निर्माणों को मौन स्वीकृति मिलती रही, इसी का दुष्परिणाम है आज वह सार्वजनिक गोठान और स्कूल का खेल मैदान अतिक्रमण से अटा पड़ा है। ऐसा नहीं है कि ग्रामीणों ने इस पर आपत्ति जताते हुए कार्यवाही की मांग ना की हो, मांगे बराबर की गई हैं परंतु सरपंच सचिव एवं पटवारी द्वारा इस को अनदेखा करते हुए इन अतिक्रमण को अपनी स्वीकृति दे दी गई है।  यही नहीं ग्रामीणों ने तो यह आरोप लगाया है कि सरपंच सचिव और पटवारी ने मोटी रकम लेकर अतिक्रमण कर्ताओं को ये कब्जे करने के लिए उकसाया है।
     अपने स्वयं के उपयोग के अलावा आने वाली पीढ़ियों के उपयोग की बहुमूल्य शासकीय जमीन का प्रकार दुरुपयोग होता देख रहलोन वासी आक्रोशित हुए और जन समूह बनाकर लखनादौन तहसीलदार श्रीमती भावना मलगाम एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी रघुवीर सहाय श्रीवास्तव को संयुक्त हस्ताक्षरित ज्ञापन सौंपकर तत्काल कार्यवाही की मांग की। अधिकारियों ने अपने स्तर पर शीघ्र स्टे लगाकर प्रधानमंत्री आवास राशि रोकने की बात कही है, परंतु अब तक ऐसा कुछ सामने नहीं आया है। रहलोन गांव के निवासी शासन प्रशासन को चेतावनी देते हुए कह रहे हैं कि, “अगर यह अवैध अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो हम उग्र आंदोलन करेंगे और जिला स्तर तक अपनी बात रखेंगे मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई में इस विषय को ले जाकर रखा जाएगा।” यही नहीं यदि अन्य अतिक्रमण कर्ताओं को प्रशासन की ओर से स्वीकृति दी जाती है तो ग्रामीण भी “सर्वनाश के समय आधे को बचा लेना ही बुद्धिमानी” जैसी उक्ति को मानते हुए स्वयं भी उस जमीन पर कब्जा करेंगे।

इनका कहना है :-
रघुवीर सहाय श्रीवास्तव, (मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत लखनादौन)

“ग्रामीण आये हैं उनका कहना है कि अतिक्रमण हुए हैं। तहसीलदार मैडम और प्रशासन जाँच करवायेंगे, यदि अतिक्रमण अवैध पाया जाता है तो प्रधानमंत्री आवास की राशि रोकी जाएगी।”

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