विजयराघवगढ़ : पंडित सत्येंद्र पाठक का सपना था आदिवासी गौटिया समाज के पास हो शबरी मंदिर
पंडित सत्येंद्र पाठक का सपना था आदिवासी गौटिया समाज के पास हो शबरी मंदिर
विजयराघवगढ़ से दीपचंद रजक की रिपोर्ट : – कारितलाई मे आज दोपहर श्रीराम परिवार के साथ माता शबरी की प्रतिमा स्थापित हुई। कारितलाई मे एक भव्य मंदिर हो जिसमे श्रीराम परिवार के साथ शबरी माता की मूर्ति स्थापित हो यह इक्षा विजयराघवगढ़ के पूर्व विधायक तथा मध्यप्रदेश के खाद्य मंत्री पंडित सत्येंद्र पाठक की थी। जिसे आज छेत्री विधायक संजय सत्येंद्र पाठक के सुपुत्र यस पाठक ने प्राण प्रतिष्ठा के साथ पूरा किया। कारीतलाई के लोगों का कहना है की आज जिस मंदिर मे देवी-देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा की गयी। इस मंदिर के लिए बाबू ने बहुत कुछ सोचा था जिसे छेत्री विधायक संजय सत्येंद्र पाठक ने पूरा किया। आज कारितलाई मे मंदिर मे प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भव्य आयोजन किया गया जिसमे सर्व प्रथम वैदिक ग्रंथों के अनुसार महा ज्ञानी पंडितों की उपस्थिति मे पूजा अर्चना कराई गयी। तथा कार्यक्रम मे पधारे सभी मुख्य अतिथियों का सम्मान मंच के माध्यम से किया गया। मंचासिन रहे व्योहारी विधायक शरद कोल छेत्री विधायक संजय सत्येंद्र पाठक के सुपुत्र यस पाठक जिला महामंत्री उदयराज सिंह चौहान विजयराघवगढ़ मंडल अध्यक्ष मनीष देव मिश्रा कैमोर मंडल अध्यक्ष अंकुर ग्रोवर काटी मंडल अध्यक्ष जयवंत सिंह चौहान बरही मंडल अध्यक्ष केशव यादव जनपद अध्यक्ष गंगाराम चौधरी उपाध्यक्ष सुरेंद्र पांडे अजय गौतम सुदामा गर्ग प्रमोद शुक्ला कालीचरण संजू त्रिपाठी तथा कोल समाज व गौटिया समाज के सभी प्रतिष्ठित नागरिकों की उपस्थिति रही। मंच के माध्यम से यस पाठक ने अपने उद्बोधन मे सभी समाज की एकता अखंडता को लेकर खुशी व्यक्त की तथा धर्मीक कार्यो मे एक जुट हुए कोल समाज और गौटिया समाज को कहा की धर्म जाती से उपर ईश्वर है आप लोगों की भक्ति को नमन करता हू। यस पाठक ने कहा की मुझे खुशी हुई की मेरे दादा सत्येंद्र पाठक ने यह सपना देखा था जिसे आज पूरा होते देख मुझे बडी खुशी मिली। यस पाठक ने अपने पिता संजय सत्येंद्र पाठक के प्रति विजयराघवगढ़ विधानसभा के प्रति लगाव का भी जिक्र करते हुए कहा की वह हमेशा छेत्र के कार्यक्रमो मे सामिल होने के लिए उतावले रहते हैं किन्तु कभी कभी कामो मे उल्झ जाते है और आप लोगों तक नही पहुच पाते किन्तु वह सिर्फ आप लोगों के लिये ही हमेशा चिंतित रहते हैं। और समय निकाल कर आप लोगों तक पहुच ही जाते हैं।