मध्यप्रदेश/विदिशा : विदिशा जिले में गुरुवार रात दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। लाल पठार में एक कुएं में एक बच्चा गिर गया, उसे बचाने जब लोग पहुंचे तो पूरा कुआं ही धंस गया। कुएं के आसपास भारी भीड़ थी, जिसकी वजह से करीब 40 लोग उसमें गिर गए। कुआं धसने की इस घटना में अभी तक 11 लोगों के शव बाहर निकाले जाने की खबर हैं। जबकि 20 लोगों के बचने की खबर मिली हैं। इसके अलावा 9 लोगों के अभी भी फंसे होने की आशंका हैं। राज्य सरकार ने मृतकों के परिवारजनों को 5 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार रुपए की आर्थिक मदद देने की घोषणा की हैं। घायलों को मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान की जाएगी।
हादसे का सर्वे ड्रोन से किया जा रहा हैं। ADG ए. सांई मनोहर की निगरानी में ये सर्वे भोपाल कंट्रोल रूम में भेजा जा रहा हैं। डिजास्टर मैनेजमेंट के वरिष्ठ अधिकारियों को भी इसकी तस्वीरें भेजी जा रही हैं. सीएम शिवराज कंट्रोल रूम से पूरे हादसे की जानकारी ले रहे हैं।
कमिश्नर कवींद्र कियावत ने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन सही समय पर शुरू हुआ। स्थानीय लोगों को सही समय पर मदद दी गई। समय और परिस्थिति को देखकर निर्णय लिया गया। स्थानीय लोगों के कुएं के पहले भी धसकने की शिकायत को गंभीरता से न लेने के सवाल पर कमिश्नर ने कहा कि यह जांच का विषय है, कलेक्टर को जांच के निर्देश दिए हैं, जांच के बाद लापरवाही बरतने वालों पर की जाएगी कार्रवाई।
इससे पहले इस गंभीर हादसे के बाद अब कई तरह के बड़े खुलासे हुए हैं। धसकने वाले कुएं के पास रहने वाली महिला अनीता ने बताया कि ये कुआं इससे पहले भी दो बार धसक चुका हैं। इसके धसकने की शिकायत सरपंच से भी कई बार की गई, सरपंच को तस्वीरों के साथ सबूत दिए जा चुके हैं। महिला ने बताया कि सरपंच से पहले जून और फिर जुलाई में रहवासियों ने शिकायत की थी। इन शिकायतों को अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया। अधिकारी सही समय पर जाग जाते तो बड़ा हादसा नहीं होता।
गौरतलब है कि हादसा होते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसकी उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए थे। इतना ही नहीं जिस वक्त हादसा हुआ उस वक्त मुख्यमंत्री शिवराज भी विदिशा जिले में ही थे। उन्होंने तुरंत एनडीआरएफ भोपाल की टीमों और अधिकारियों को मौके पर रवाना किया। जिले के प्रभारी मंत्री विश्वास सारंग भी भोपाल से विदिशा पहुंचे गए थे।