UP की बड़ी समस्या :- YOGI-MODI की जनविरोधी नीतियाँ कर रहीं स्टाम्प वेंडर्स को बेरोजगार

लखनऊ / गरिमा श्रीवास्तव :– केंद्र सरकार व उत्तरप्रदेश सरकार की जनविरोधी नीतियों के चलते आम जनता त्रस्त है ।एक तरफ रोजगार देने का दावा करने वाली सरकार जहाँ ढिंढोरा पीटने का कार्य कर रही है वहीं दूसरी तरफ रोजगार से जुड़े लोगों की आय घटा रही है।उत्तर प्रदेश में भूमि विक्रय एवं जमीन की रजिस्ट्री में प्रदेश के स्टाम्प वेंडरों द्वारा मुख्य भूमिका निभाकर राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार को करोड़ों रुपए का मुनाफा कराया जा रहा है।वहीं सरकार स्टाम्प वेंडरों की रोजी छीनने में लगी हुई है।स्टॉक होल्डिंग कार्पोरेशन ऑफ़ इंडिया द्वारा ए सी सी (ऑथराइज्ड कलेक्शन सेंटर )के द्वारा ई स्टैम्पिंग का कार्य देने जा रही है।
जिसमे पहले एक लाख रुपये के स्टाम्प की विक्री मे स्टाम्प वेन्डर को एक हजार रुपये कमीशन मिलता था।वहीँ स्टॉक होल्डिंग के अधीन आ जाने से वेंडरों को एक लाख रुपये के स्टाम्प विक्री पर मात्र 115 रूपये कमीशन दिया जायेगा। सरकार ने इस प्रकार से अपना घर भरना शुरू कर दिया है। एक तरफ जहाँ योगी -मोदी द्वारा आए दिन बड़े बड़े वायदे किए जा रहे हैं वहीं ऐसा करके स्टाम्प वेंडरों को भुखमरी के कगार पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। इस नई व्यवस्था के लागू होने से उत्तर प्रदेश के सभी स्टाम्प वेन्डर आंदोलित हो गए हैं।विगत 4फरवरी को पूरे प्रदेश मे स्टाम्प वेंडरों ने सड़क पर उतर कर विरोध जताया व राज्य ,केंद्र सरकार के नाम ज्ञापन समस्त जिले के जिलाधिकारी के माध्यम से सौंपा।  4फरवरी को स्टाम्प की शत प्रतिशत विक्री बंद रही व रजिस्ट्री अनुमानतः 90 फीसदी प्रभावित रही। स्टाम्प वेन्डर अपने रोजगार को लेकर बढ़ती हुई परेशानियों एवं आय में कमी होने की सम्भावना के मदैनजर डिप्रेशन में आ गए हैं।

आल यूपी स्टाम्प वेंडर्स एसोशिएसन के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार गुप्ता ने बताया कि ई स्टंपिंग की नई व्यवस्था से कितने छोटी पूँजी वाले स्टाम्प वेंडर इस रोजी के छूट जाने से भुखमरी के कगार  पर आ जाएंगे ।उन्होंने बताया कि प्रदेश मे कुल स्टाम्प वेंडरों की संख्या  45000 है ।साथ ही साथ कहा कि नई व्यवस्था से प्रत्येक स्टाम्प वेन्डर को एक लैपटॉप ,प्रिंटर व इन्वर्टर तथा विद्युत कनेक्शन लेने पड़ेंगे।जिसमे तात्कालिक  80000 व्यय करने पड़ेंगे ।छोटा स्टाम्प वेन्डर जो कम पूँजी से स्टाम्प का व्यवसाय कर रहा  है वह इस व्यवस्था से बेहद बुरी दशा में आ जाएगा।
स्टाम्प वेंडिंग में हर उम्र वर्ग के लोग है सरकार युवाओं को रोजगार देने में तो सक्षम नहीं हो रही है वहीं इस प्रकार से छोटी पूँजी में अपनी जिंदगी बिताने वाले लोगों और उनके परिवार को दुर्दशा का शिकार बनाने में जुटी है। वहीं दूसरी तरफ एक लाख रुपये की स्टाम्प विक्री पर जहाँ पहले एक हजार रुपये मिलता था अब मात्र 115 रुपये मिलेगा ।ऐसी स्थिति में सारे स्टाम्प वेंडरों मे हाहाकार की स्थिति बनी हुई है। गुप्ता ने बताया कि इस संबंध में शासन एवं प्रशासन से बात चीत भी की जा चुकी है ।लेकिन कोई निष्कर्ष  नहीं निकल पा रहा है।लखनऊ में 17 फरवरी 2020 को स्टाम्प वेंडर संघ के पदाधिकारियों की एक मीटिंग आयोजित की गई है जिसमे अगली रणनीति तय की जायेगी।

अब यह कौन तय करेगा कि छोटी पूँजी वालों की ज़िंदगी का गुज़ारा कैसे होगा? सरकार आए दिन ज़ुल्म ढाये जा रही है एक तरफ जहाँ मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार अतिथि विद्वानों को नहीं सुन रही है वहां अब उत्तर प्रदेश सरकार का भी रवैया ऐसा ही हो गया है।
आदित्यनाथ चुनाव के पहले बहुत बड़े बड़े दावे किया करते थे युवाओं को रोजगार मिलेगा, भुखमरी खत्म होगी। पर यह क्या हो रहा है युवाओं को रोजगार देने वाली सरकार न युवाओं को रोजगार दे प् रही है न भुखमरी मिटा पा रही है। दूसरी तरफ जो व्यक्ति ईमानदारी से अपना और अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं उनकी रोजी रोटी छीन अपना घर भरने में जुट गयी है।

इस जनविरोधी नीतियों के चलते पूरे प्रदेश में हाहाकार मच गया है, जैसे मध्यप्रदेश में कमलनाथ IIFA और INDIAN IDOL का Finale कराने में व्यस्त हैं और करोड़ों पैसे खर्च कर रहे हैं उसी भांति उत्तर प्रदेश की योगी सरकार रोजगार छीनने में लगी हुई है और गोरखपुर महोत्सव का आयोजन कर रही है।
यह क्या है क्या ऐसे ही आए दिन ईमानदारों के ईमानदारी का हनन किया जाएगा?
बड़े अमीरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं और ईमानदार के खिलाफ आए दिन नई नीतियां।
और जब चुनाव का समय आए तो फ़र्ज़ी वायदे। क्या नरेंद्र मोदी देश को रोजगार देते देते भिखारी बना देंगे ? स्टाम्प वेंडरों और उनके परिवार के आँखों में सिर्फ सवाल है ? जवाब तो ऊँची कुर्सी पर विराजमान प्रदेश और केंद्र सरकार ही दे पाएगी।  
 

 

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