मध्यप्रदेश/इंदौर – मध्यप्रदेश में भले ही अभी नगरीय निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान न हुआ हो, लेकिन उस से पहले प्रदेश की सियासत गरमाई हुई हैं। मेयर और अध्यक्ष के पद आरक्षित हो गए। उपचुनाव की जंग फतह करने के बाद भाजपा के हौसले बुलंद हैं। लेकिन इसके साथ ही भाजपा में टिकट की दावेदारी और मारामारी चरम पर हैं।
बता दे कि इंदौर महापौर की सीट अनारक्षित होने से कई दावेदार सामने आ गए हैं। भाजपा के पूर्व विधायक जीतू जिराती, सुदर्शन गुप्ता और गोपीकृष्ण नेमा टिकट की चाह में आला नेताओं से संपर्क कर रहे हैं।
इतना ही नहीं पूर्व विधायक गोपीकृष्ण नेमा ने तो खुलेआम अपनी दावेदारी ठोक दी हैं। दरअसल, इंदौर नगर अध्यक्ष और दो बार विधायक रहे गोपीकृष्ण नेमा को नेपानगर उपचुनाव का सह प्रभारी बनाया गया था। वहां पार्टी ने बड़ी जीत दर्ज कर कांग्रेस से सीट छीन ली। इसलिए वे चाहते हैं कि उनकी मेहनत का फल इंदौर मेयर के टिकट के रूप में मिले। वो कहते हैं कि टिकट मांगना उनका अधिकार हैं। पार्टी को इस पर जरूर विचार करना चाहिए।
भाजपा के पूर्व विधायक एक हद तक पार्टी की मुश्किल बढ़ा रहे हैं। वर्तमान विधायकों को टिकट न देने के भाजपा के फॉर्मूले से ये पूर्व विधायक अब मेयर पद का टिकट पाने के लिए जुगत लगा रहे हैं।
मालूम हो कि भाजपा ने इस बार वर्तमान विधायकों को टिकट न देने का फॉर्मूला तैयार किया हैं। इस फॉर्मूले ने पूर्व विधायकों की उम्मीद जगा दी हैं।