नई दिल्ली – भारत इस समय मंदी की मार झेल रहा हैं। मोदी सरकार इस संकट को कम करने के लिए कई फैसले ले रही हैं। जो शायद काम नहीं आ रहे हैं। हालही में अर्थव्यवस्था को मंदी से बचाने के लिए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कार्पोरेट टैक्स में कटौती और उद्योग जगत को राहत का एलान किया। लेकिन वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का ये फैसला भी कोई काम नहीं आया।
संयुक्त राष्ट्र ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट 'UNCTAD ट्रेड एंड डेवलपमेंट रिपोर्ट 2019' में कहा है कि अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार 2018 की 3 प्रतिशत से घटकर 2019 में 2.3 प्रतिशत रह जाएगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 में भारत में अर्थव्यवस्था की रफ्तार घटने का अनुमान हैं। रिपोर्ट के मुताबिक जीएसटी से कलेक्शन के टारगेट कम हो रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र की ताज़ा रिपोर्ट में कहा गया है कि सन 2020 में अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में मंदी का खतरा बढ़ता जा रहा हैं। कई उभरती अर्थव्यवस्थाएं मंदी में फंस चुकी हैं। जर्मनी और यूनाईटेड किंगडम भी आर्थिक मंदी के करीब हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में आर्थिक विकास की रफ्तार में गिरावट का असर पूरे एशिया की अर्थव्यवस्था पर होगा। ऐसे में ये खबर भारत के लिए बुरी हैं।