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अघोषित बिजली कटौती : BJP MLAs की नाराजगी सरकार से नहीं बल्कि अधिकारियों से, यह तो विपक्ष की साजिश है – गिरीश गौतम

जबलपुर : मध्यप्रदेश में बिजली का संकट दिन- प्रतिदिन गहराता जा रहा है। हालात ये है कि खुद बीजेपी के दो विधायकों ने सीएम शिवराज को पत्र लिखकर बिजली समस्या की ओर ध्यान दिलाया है। पहले नारायण त्रिपाठी और फिर टीकमगढ़ विधायक राकेश गिरी स्वामी ने अपने इलाकों में 12 से 15 घंटे तक अघोषित बिजली कटौती की शिकात सीएम से की है।

लेकिन इसी बीच मंगलवार को जबलपुर दौरे पर पहुंचे मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने इस मामले को लेकर बड़ा बयान दिया। 

उन्होंने कहा की मध्य प्रदेश में बिजली संकट जैसी कोई स्थिति नहीं है। यह तो विपक्ष की साजिश है जिसका पर्दाफाश सरकार को करना चाहिए। 

वहीं, विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने भाजपा विधायकों के बिजली कटौती के मसले पर बयान देने पर कहा उनकी नाराजगी सरकार से नहीं बल्कि उन अधिकारियों से है जिन्होंने समय पर ट्रांसफार्मर नहीं बदले और लाइनों को दुरुस्त नहीं किया। अगर ट्रांसफार्मर खराब हैं तो इसके लिए सरकार को दोषी क्यों ठहराया जाए।

गिरीश गौतम ने आगे कहा लगातार 40 साल से जिन इलेक्ट्रिक लाइनों के जरिए लोड ट्रांसफर होता था उसमे बदलाव किया जा रहा है। इस वजह से ट्रिपिंग की समस्या भी पैदा हुई है। लेकिन इसे बिजली कटौती का नाम देना गलत होगा। 

गौरतलब है कि ग्रामीण क्षेत्रों व कृषि क्षेत्रों में स्थिति बेहद खराब होती जा रही है। कई-कई घंटों की अघोषित कटौती की जा रही है। कोयले की कमी के कारण उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है। कई ताप विद्युत परियोजनाएं बंद होने की कगार पर है। मांग और आपूर्ति में बड़ा अंतर सामने आ रहा है। सरकार इन सब मामलों से बेखबर बनी हुई है। 

जानकारी के अनुसार, बिजली कटौती की 3 वजह सामने आई हैं। बिजली कंपनियों की देनदारियां, बांधों में कम पानी और सरकार से कंपनियों को सब्सिडी नहीं मिलना। प्रदेश के 3 थर्मल पावर प्लांटों में कोयले की कमी के कारण बिजली उत्पादन बंद हो गया है। 

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