प्रदेश में दो दो टाइगर लेकिन फॉलेन आउट अतिथि विद्वान 7 महीने से हो रहे परेशान
मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बने 5 महीने होने को हो रहा है और कई अहम फैसले भी सरकार ले रही है लेकिन जिस मुद्दे पर सरकार बनी सत्ता की सिंहासन मिला उन महाविद्यालयीन अतिथि विद्वानों की ओर अभी तक सरकार ने पलट कर नहीं देखा जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है,आज प्रदेश के 1800 अतिथि विद्वान पिछले 7 महीने से व्यवस्था से बाहर है और दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं कई तो स्वर्ग तक सिधार गए लेकिन अभी तक सरकार का इस तरफ ध्यान नहीं गया।मोर्चा के संयोजक वा संघ के अध्यक्ष देवराज सिंह ने फिर सरकार से अनुरोध किया है कि अब तो महाविद्यालय खुल गए हैं कामकाज भी शुरु हो चुका है तो 1800 अतिथि विद्वानों को व्यवस्था में लेने की प्रक्रिया को सरकार ने ठंडे बस्ते में क्यों डाल रखा है समझ से परे है।आज अतिथि विद्वानों की हालत बद से बदतर ही चुकी है,दाने दाने को मोहताज हैं अब तो न्याय करे सरकार।उच्च शिक्षा मंत्री सहित सभी मंत्रियों और विधायकों से मिला जा चुका है लेकिन अभी तक अतिथि विद्वानों के हित में सरकार क्यों आगे नहीं बढ़ रही है?
450 पद पिछली सरकार पास कर चुकी थी,अभी तक वित्त विभाग से पृष्ठांकन क्यों नहीं?
सरकार बदली मुख्यमंत्री बदले लेकिन नहीं बदली तो महाविद्यालयीन अतिथि विद्वानों की हालत।मोर्चा के मीडिया प्रभारी डॉ आशीष पांडेय ने सरकार से आग्रह किया है कि अब तो महाविद्यालय खुल गए हैं और काम काज़ भी शुरू हो चुका है तो 1800 अतिथि विद्वान जो पिछले 25 वर्षों से प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग को संभालते आ रहे हैं आज 7 महीने से जिंदगी और रोजी रोटी के मोहताज हो गए हैं पर विपक्ष में रहते अति संवेदनशील रहने वाले वर्तमान सरकार के मुखिया और मंत्रीगण 5 महीने में एक भी कदम अतिथि विद्वानों के हित में नहीं उठा सके।पिछली सरकार के कैबिनेट से ही 450 पदों की मंजूरी मिल चुकी हैं लेकिन अभी तक वर्तमान में वित्त विभाग से पृष्ठांकन तक नहीं हो पाया।जो बेहद दुखद और गंभीर पहलू है।डॉ आशीष पांडेय ने कहा मुख्यमंत्री जी के शीघ्र कोरोनो से स्वस्थ होने के लिए हम सबने यज्ञ हवन और प्रार्थना की।अब मुख्यमंत्री जी स्वस्थ होकर वापस आ चुके हैं पूरी आशा है कि कामकाज संभालते ही पहला आदेश अतिथि विद्वानों के हित में करेंगे।सभी 1800 अतिथि विद्वानों को सरकार व्यवस्था में वापस लें।
आख़िर कब उद्धार होगा प्रदेश के उच्च शिक्षित अतिथि विद्वानों का
मोर्चा के प्रवक्ता डॉ मंसूर अली ने सरकार से पूछा है कि आख़िर में कब तक उद्धार करेंगे प्रदेश के उच्च शिक्षित अतिथि विद्वानों का।दो दशक से उच्च शिक्षा की रीढ़ रहें अतिथि विद्वानों की ये दुर्दशा हो जाएगी कोई सोचा भी नहीं था।नेट पीएचडी डिग्री के बाद 25 वर्षों से सेवा देने के बाद आज 7 महीने से बेरोजगार होकर अतिथि विद्वान मौत को गले लगा रहे हैं जबकि बीजेपी सरकार बने हुए 5 महीने हो रहें हैं लेकिन एक लिस्ट तक जारी नहीं हो रही।सरकार तत्काल इस मामले को संज्ञान में लेते हुए लिस्ट जारी करे।