- रेप पीड़िता ने की आत्महत्या
- धमकियों से तंग आकर लगाई फांसी
- आरोपी फरार
टीकमगढ़ / गरिमा श्रीवास्तव :– टीकमगढ़ (Tikamgarh) में एक बार फिर से वही हुआ जो दरिंदगी बैतूल (Betul)में हुई थी। 2 दिन पूर्व इस नाबालिग से रेप हुआ था जिसके बाद उसने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी है।
आरोपी लगातार पीड़िता पर दबाव बना रहा था कि उसे सम्पूर्ण घटनाक्रम के बारे में पुलिस को कुछ भी नहीं बताना है।
उसके दबाव से तंग आकर आखिरकार पीड़िता ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। बैतूल में भी कुछ ऐसा ही हुआ था जिसमें गैंगरेप पीड़िता नाबालिग ने खुद पर केरोसिन डालकर आग लगा ली थी,इलाज के लिए पीड़िता को नागपुर भेजा गया था जहां उसने दम तोड़ दिया था। और अभी ऐसा ही घटनाक्रम एक अलग चेहरे के साथ टीकमगढ़ में हुआ।
जिसमें नाबालिक ने अपने आप को फांसी लगाकर जान दे दी। आरोपियों द्वारा लगातार घरवालों को मारने की धमकी दी जा रही थी साथ ही साथ व पीड़िता को धमकी दे रहे थे कि अगर कहीं भी किसी से भी कुछ भी कहा तो वह जान ले लेंगे। अभी तक आरोपी फरार है पुलिस जांच में जुटी हुई है और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। परिजनों ने आरोपी का नाम मुकेश यादव बताया उन्होंने कहा कि उसने पहले नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया जिसके बाद वह उसे लगातार धमकी देता था जिससे तंग आकर लड़की ने अपनी जान दे दी। लड़की की उम्र करीब 16 से 17 वर्ष के बीच बताई जा रही है। घटना उस दौरान हुआ जब लड़की मवेशियों को चारा देने गई थी इस बीच आरोपी उसी गली में बैठा था और वह लड़की को जबरदस्ती खींच कर सुनसान जगह पर ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। जिसके बाद लड़की ने सारा घटनाक्रम अपने भाई को बताया आरोपी मुकेश यादव लड़की के घर तक पहुंच गया और उसे धमकियां देने लगा। परिजन जब आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज़ करा के लौटे तब तक लड़की फांसी के फंदे से झूलती मिली।
जांच अधिकारी ने बताया कि वह आरोपी के घर और रिश्तेदारों ने लगातार दबिश दी है। कि अगर कही भी किसी से भी वह मिले तो तुरंत सूचना दें।जांच अधिकारी ने कहा कि परिजनों ने लोकलाज की वजह से शिकायत भी दर्ज़ नहीं कराई थी।
आए दिन समाज में ऐसे कृत्य देखने को मिल रहे हैं प्रदेश की बेटियां सुरक्षित नहीं है। वहशी दरिंदे हर जगह जगह बैठे हैं। आखिर कब तक लड़कियों की ज़िंदगी ऐसी तरह अन्धकार में डूबती जाएगी?
मासूम लड़कियों के आँखों में सिर्फ सवाल है जवाब मिल भी नहीं पाता है कि उन्हें मौत के मुँह में समां जाना पड़ता है।