टाइगर स्ट्राइक फोर्स ,WCCB और STF जबलपुर की अलग अलग जिलों में तबाडतोड़ कार्रवाई, 4 तेंदुए की ख़ाल , 20Kg पेंगोलिन स्केल्स के साथ कुल 16 आरोपी गिरफ्तार
- वन्यप्राणी तेन्दुआं व पेंगोलिन के शिकार करने वाला गिरोह का खुलासा
- गिरफ्तार आरोपी कटनी-02, जबलपुर-02, उमरिया-04 डिडौरी-08 जिले के निवासी है।
- 02 नग चार पहिया वाहन वाहन Maruti Suzuki Swfit Dezire व Maruti Alto तथा 02 नग दो पहिया वाहन भी हुए जप्त
द लोकनीति डेस्क जबलपुर
मध्यप्रदेश वन्यप्राणी मुख्यालय को प्राप्त गुप्त सूचना के आधार वन्यप्राणियों के बड़े स्तर पर शिकार कर उसके अवयवों के अवैध परिवहन एवं अवैध व्यापार के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स, वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो एवं स्पेशल टास्क फोर्स (पुलिस) की जबलपुर स्थित इकाईयों द्वारा योजनाबद्ध तरीके से संयुक्त कार्यवाही करते हुये कुल 16 आरोपियों को अभिरक्षा में लेकर उसके पास से वन्यप्राणी तेन्दुऐं की खाल 04 नग एवं दुर्लभ वन्यप्राणी पेंगोलिन के स्केल्स लगभग 20 कि.ग्रा. एवं 02 नग चार पहिया वाहन वाहन Maruti Suzuki Swfit Dezire व Maruti Alto तथा 02 नग दो पहिया वाहन क्रमशः जप्त कर वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया गया।
उक्त प्रकरण में विवेचना जारी है सभी आरोपियों को माननीय विशेष टाइगर स्ट्राइक फोर्स न्यायालय जबलपुर में पेश कर रिमांड लेकर पूछताछ करने पर उक्त गिरोह का पर्दाफाश हुआ। गिरफ्तार आरोपी कटनी-02, जबलपुर-02, उमरिया-04 डिडौरी-08 जिले के निवासी है।
तंत्र-मंत्र और जादू टोना पर विश्वास करने वालो को बेचता था गिरोह
जानकारी में यह भी सामने आया है कि उक्त गिरोह इन वन्यप्राणियों के अवयवों को तंत्र-मंत्र, जादू टोना पर विश्वास करने वाले व्यक्तियों को बेचा करते थे। इनके द्वारा तेन्दुओं का शिकार बिजली के तार से किया गया है। स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स के द्वारा पुनः आमजन मानस से अपील की जाती है कि वन्यप्राणियों के अवयवों के संबंध में समाज में फैली हुई भ्रांतियों व अंधविश्वास से बचे तथा उक्त अपराधिक प्रवृत्ति वाले व्यक्तियों /गिरोह के बहकावे में न आवें। उक्त कृत्य से जहाँ एक ओर निरीह व दुर्लभ वन्यप्राणियों का शिकार को बढ़ावा मिलता है वही दूसरी ओर संबंधित व्यक्ति को कानूनी कार्यवाही का भागीदारी बन जेल भी जाना पड़ सकता है। वन्यप्राणी से संबंधित अपराध आजमानती होते है व इसमें 07 वर्ष तक की कठोर सजा का प्रावधान है ।