भोपाल :-कहा जाता है मित्र जितने हो उतने अच्छे पर असल जीवन में अच्छी लगने वाली यह बात सोशल साइट्स पर लागू नहीं होती |फेसबुक जैसे साइट्स पर ठगपहले दोस्ती और फिर ठगी के मामले तो आप सुनते हीं रहते होंगे | ताज़ा मामला है भोपाल का यहाँ एक एनजीओ संचालक ने खुद को एम्स का डॉक्टर बताकर तीन साल में दिल्ली की एक लॉ स्टूडेंट से 30 लाख रुपए ऐंठ लिए।इन दोनों की दोस्ती फेसबुक पर हीं हुई थी।युवक ने खुद को एम्स का डॉक्टर बताया था। कभी अपने पिता के इलाज के नाम पर तो कभी छोटी बहन के इलाज के नाम पर एक दो बार नहीं बल्कि 80 बार उसने युवती से पैसे मंगवायें|
क्या था पूरा मामला
छात्रा की दोस्ती अजय गालर नाम के युवक से वर्ष 2012 में फेसबुक के माध्यम से हुई | कुछ दिनों की चैटिंग के बाद बातें बंद हो गयीं पर 2017 में इनकी बातें दोबारा शुरू हुई | इसी दौरान उसने बताया की उसके पिताजी को ट्यूमर है और वह लंदन में भर्ती है|जिसके बाद इसने लड़की से पैसे मंगवाने शुरू किये कभी बहन के हाथ में फ्रैक्चर का बहाना देकर तो कभी अपने पिताजी की इलाज़ के लिए| ऐस हीं अजय ने 80 बार में करीब छात्रा से 30 लाख रूपये ठग लिए|
छुपाता था अपनी पहचान
अजय कभी भी अपने आप को सामने नहीं लाता था।वह अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर भी किसी और लड़के की फोटो लगाकर रखता था| कभी भी छात्रा को वीडियो कॉल भी नहीं करता था ताकि उसकी पहचान उजागर न हो| उसने अपने फोन में वॉयस चेंजर एप्लीकेशन डाउनलोड की थी ताकि उसकी आवाज़ भी लोगों के पहचान में न आये|
ऐसे पता चला पूरा मामला
जिस युवक की फोटो अजय अपने प्रोफाइल पर लगा कर रखता था| छात्रा ने किसी तरह उस युवक को ढूंढ निकाला और फिर उसके जरिये अजय के घर क भी पता चल गया| छात्रा ने अपने व्यवसायी पिता और एक शिक्षक को उसके घर भेजा परन्तु वहां का नज़ारा देखकर वह हैरान हो गए| खुद को एम्स का डॉक्टर बताने वाला अजय एक कच्चे मकान में रहता था|उसने आरकेडीएफ कॉलेज से इंजीनियरिंग की डिग्री ली है और वर्तमान में श्री हरी वेलफेयर सोसाइटी के नाम पर एक एनजीओ चलाता है| वह फिर से छात्रा से अपने पिता के इलाज़ के नाम पर कुछ पैसों की डिमांड कर रहा था| छात्रा ने उसको रंगेहाथ पकड़ने के लिए डी बी मॉल के पास बुलाया और क्राइम ब्रांच को भी सूचित कर दिया| अजय जैसे हीं मॉल में पहुचा क्राइम ब्रांच ने उसे धार दबोचा| लेकिन अब तक वह छात्रा से 30 लाख रूपये ठग चूका है|
क्या और भी युवतियां थी इसके संपर्क में
टीआई अजय मिश्रा ने बताया कि छात्रा की शिकायत पर अजय के खिलाफ धोखाधड़ी, पहचान छिपाने और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। आरोपी को जब पुलिस ने पकड़ा तो वह बोला कि ये तो आपसी लेनदेन का मैटर है, आप तो मेरे खिलाफ कुछ कर ही नहीं सकते। फिर कहने लगा कि छात्रा ने मेरे एनजीओ में ये रकम दान की है। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। उसे रिमांड पर लेकर ये भी पता लगाया जा रहा है कि उसने और कितनी युवतियों को अपने जाल में फंसाया है।