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ये है "शिव राज" यहां BJP की रैलियों में जुटती है हज़ारों की भीड़, नहीं होती कोई कार्रवाई, पाबंदियां सिर्फ आम लोगों पर, ऐसा क्यों??

मध्यप्रदेश/इंदौर – मध्यप्रदेश में अभी भी कोरोना का कहर बना हुआ हैं। प्रदेश में कई जिलों में कोरोना के हर रोज़ अभी भी नए मामले सामने आ रहे हैं। खास तौर पर इंदौर और भोपाल में। वहीं, शासन प्रशासन ने भी कोरोना पर लगाम लगाने के लिए भरपूर कदम उठाए हैं। कोरोना से बचने के लिए प्रशासन ने आम लोगों पर तमाम पाबंदियां लागू कर रखी हैं। जैसे बाजार बंद होने का समय तय कर दिया, रात का कर्फ्यू, स्कूल-कॉलेज, कोचिंग बंद यहां तक की शादी में कितने लोग शामिल होंगे इसकी सूचना भी थाने में देना पड़ती हैं। इसके अलावा भी कई तरफ की पाबंदियां आम लोगों पर शामिल हैं। 

लेकिन इन पाबंदियों से नेता बिलकुल परे हैं। शायद नेताओं को कोरोना का कोई खौफ नहीं, या फिर यूह कहे की कोरोना नेताओं को संक्रमित करने से डरता हैं। 

मामला इंदौर का हैं

दरअसल, बुधवार को इंदौर के दशहरा मैदान पर किसान सम्मलेन आयोजित हुआ। इस सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय मौजूद रहे। साथ ही इस सम्मेलन में हज़ारों की तादाद में भीड़ जुटी। इस दौरान न सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया, न ही मास्क का। यहां तक कि मंच पर बैठे नेताओं में से भी ज्यादातर ने मास्क उतार रखे थे।

खास बात ये है कि 22 नवंबर को जारी कलेक्टर के आदेश के अनुसार सभी प्रकार के धरना, प्रदर्शन और रैलियों पर रोक है, उसके बाद भी न सिर्फ इस आयोजन की अनुमति दी गई, बल्कि उसमें कोरोना प्रोटोकाॅल के उल्लंघन पर किसी तरह की कार्रवाई भी नहीं की गई।

शहर में कोरोना संक्रमितों का आकड़ा 50 हज़ार के पार 

बताते चले कि बुधवार को शहर में कोरोना के 416 नए मरीज मिले, जबकि चार मरीजों की मौत हो गई। शहर में संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 50,332 पर पहुंच गया है, वहीं अब तक 826 लोग कोरोना वायरस के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं। जबकि एक्टिव मरीजों का आंकड़ा 4434 पर पहुंच गया हैं। 

बड़ा सवाल

ऐसे में बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि जब कोरोना संक्रमण से लोग परेशान हैं। तमाम लोगों पर पाबंदियां लगी है तो बीच शहर में भीड़ एकत्र करने की अनुमति प्रशासन ने कैसे दे दी? 

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