खेल डेस्क – भारतीय टीम के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज़ मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को लॉरियस स्पोर्टिंग मोमेंट अवॉर्ड 2000-2020 (Laureus Sporting Moment Award 2000-2020) से सम्मानित किया गया हैं। सोमवार को बर्लिन में पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव वॉ ने शानदार समारोह के दौरान लॉरियस स्पोर्टिंग मोमेंट अवॉर्ड-2000-2020 के विजेता की घोषणा की। जबकि टेनिस दिग्गज बोरिस बेकर ने सचिन तेंदुलकर को ये ट्रॉफी सौंपी।
पिछले 20 वर्षों में 'लॉरियस सर्वश्रेष्ठ खेल क्षण' माना गया।
दरअसल, 2 अप्रैल 2011 को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में टीम इंडिया ने वर्ल्ड कप जीता था। विजेता बनते ही सारे भारतीय खिलाड़ी मैदान में उतरे आए और सचिन तेंदुलकर को अपने कंधों पर उठा लिया। यह पल प्रशंसकों के लिए अविस्मरणीय हैं। बता दे कि भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के समर्थन के साथ सचिन को विजेता बनने के लिए सबसे अधिक वोट मिले।
वो पल जीवन का सबसे गौरवपूर्ण क्षण था – सचिन
इस दौरान सचिन तेंदुलकर ने कहा की लॉरियस ट्रॉफी पर कब्जा करने से भी उन्हें काफी सम्मान मिला हैं। सचिन ने वो पल याद करते हुए कहा की -'यह मेरे जीवन का सबसे गौरवपूर्ण क्षण था, उस ट्रॉफी को पकड़े हुए, जिसका मैंने 22 वर्षों तक पीछा किया। लेकिन मैंने कभी उम्मीद नहीं खोई। मैं केवल अपने देशवासियों की ओर से उस ट्रॉफी को उठा रहा था।
ऐसे शुरू हुआ था मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का सफर
सचिन तेंदुलकर ने बताया की उनके सफर की शुरुआत सन 1983 में शुरू हुई, जब वो 10 साल के थे। उन्होंने बताया कि उस समय भारत ने विश्व कप जीता था। मुझे महत्व समझ में नहीं आया और सिर्फ इसलिए कि हर कोई जश्न मना रहा था, मैं भी पार्टी में शामिल हो गया। सचिन ने कहा लेकिन कहीं न कहीं मुझे पता था कि देश के लिए कुछ खास हुआ हैं। और मैं एक दिन इसका अनुभव करना चाहता था और यही से मेरा सफर शुरू हुआ।