रीवा:- मुंह में दो धारी तलवार फंसाकर दुश्मनों का सीना फाड़ देता था ये घोड़ा
रीवा:- मुंह में दो धारी तलवार फंसाकर दुश्मनों का सीना फाड़ देता था ये घोड़ा
रीवा/ गौरव सिंह:- महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक के किस्से तो आपने खूब सुने होंगे लेकिन आज हम जिस घोड़े के बारे में आपको बताने जा रहे हैं वो भी कम खूबियां नहीं रखता था और ऐसा कहा जाए कि चेतक से किसी भी मामले में कम नहीं था तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। बात की जा रही है रीवा रियासत के महाराजा व्यंकट रमण सिंह के अजीज घोड़े शहनाज की। शहनाज महाराजा व्यकंट रमण सिंह का अजीज घोड़ा था और वो युद्ध कौशल में इतना निपुण था कि मुंह में दो धारी तलवार लेकर दुश्मनों का सीना फाड़ देता था।काबुल के व्यापारियों से खरीदा था शहनाज
रीवा रियासत के महाराजा व्यंकट रमण सिंह को घुड़सवारी का शौक था और उनके अस्तबल में तरह-तरह के घोड़े रहते थे। उनके सबसे पसंदीदा घोड़ा शहनाज था जिसकी खूबियां उसे खास बनाती हैं। 1905 में काबुल के सौदागर रीवा आए थे जिन्होंने तत्कालीन महाराजा व्यंकटरमण सिंह को घुड़सवारी के लिए वह घोड़ा दिया था। यह घोड़ा महाराजा को इतना पसंद आया कि उन्होंने उसे खरीद लिया। उसकी खूबियों की वजह से धीरे-धीरे वह महाराजा का पसंदीदा घोड़ा बन गया। महाराजा उसे हमेशा अपने साथ रखते थे। उसे युद्ध कौशल का प्रशिक्षण भी दिया गया था। वह मुंह में दो धारी तलवार फंसाकर दुश्मनों का पेट फाड़ देता था। शहनाज की फुर्ती का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह उफान मारती नदियों को आसानी से पार कर जाता था। वह भोजन में बादाम व पिस्ता खाता था। इतिहासकार उसकी तुलना महाराणा प्रताप के चेतक घोड़े से करते थे जो किसी भी दृष्टि से चेतक से कम नहीं था।