जबलपुर से भारती चनपुरिया की रिपोर्ट : – जबलपुर(Jabalpur) की वीकल फैक्ट्री (VFJ) में अब हर रोज आठ से दस बड़े ट्रक व ट्रालों में केबिन, टायर, इंजन व एक्सल सहित प्रमुख कल पुर्जों आ रहे हैं। अब स्टालियन और एलपीटीए जैसे बहु उपयोगी वाहनों का उत्पादन गति पकड़े गी, सेना के लिए वाहनों को तैयार करने में कोरोना(Corona) संक्रमण के कारण रुकी रॉ मटेरियल की सप्लाई हो गई है। इस मटैरियल की सप्लाई लॉकडाउन(Lockdown) के कारण रुकी हुई थी। अब स्थितियां सामान्य होती जा रही हैं।
वीएफजे :- रॉ मटेरियल की सप्लाई हुई शुरू, ऑटोमेशन लाइन में अब बढेग़ा काम
वीएफजे में सेना के लिए स्टालियन और एलपीटीए वाहन का ही प्रमुख काम है। इन सभी वाहनों का इस्तेमाल सेना कई कामों में करती है।वह चाहे पथरीला रास्ता हो,या ऊंची चढ़ाई या फिर लद्दाख जैसी शून्य से नीचे तापमान वाली जगह, वीएफजे में बने वाहन ही इस्तेमाल होते हैं। इन वाहनों का सैनिकों को लाने और ले जाने के अलावा हथियारों की सप्लाई में उपयोग किया जाता है। लेकिन बीते कुछ महीनों से मटेरियल कमी होने से फैक्ट्री में काम काज ठप था।
Vehicle Factory Jabalpur
हजार करोड़ रुपए का काम है : –
वीएफजे में इस समय लगभग एक हजार करोड़ रुपए का उत्पादन लक्ष्य रक्षा मंत्रालय(Ministry Of Defence ) से मिला हुआ है। अब कहा जाता है की इस सत्र में करीब 15 सौ स्टालियन वाहन, 650 से अधिक एलपीटीए का उत्पादन होना है। इसी प्रकार 340 से ज्यादा सुरंगरोधी वाहन (एमपीवी) बनाए जाने हैं।और दूसरी तरफ सेना के अलग-अलग प्रकार के वाहनों को बुलेट प्रूफ करने का काम यहां पर किया जाता है। हाल में एक नया काम शारंग तोप तैयार करने का लिया है। यह काम भी बेहद सफल रहा है।
अब यह है टारगेट : –
वाहन संख्या अनुमानित मूल्य
स्टालियन 1500 32 लाख
एलपीटीए 600 24 लाख
एमपीवी 340 1.40 करोड़
: एक वाहन की कीमत
रुपए में)