मुरैना:- जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या हुई 21, उज्जैन शराब कांड के बाद आला अफसरों पर मेहरबान रहे शिवराज, नहीं चेतने का परिणाम
मुरैना:- जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या हुई 21, उज्जैन शराब कांड के बाद आला अफसरों पर मेहरबान रहे शिवराज, नहीं चेतने का परिणाम
मुरैना/गरिमा श्रीवास्तव :- मुरैना में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या अब 21 पहुंच चुकी है।तो वही 20 लोग गंभीर रूप से बीमार है जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है.
इस बड़ी लापरवाही के बाद कलेक्टर अनुराग वर्मा और एसपी अनुराग सुजानिया पर गाज गिरी है दोनों अफसरों को जिले से रुखसत कर मंत्रालय और पीएचक्यू में पदस्थ किया गया है. तो वही एसडीओपी जौरा सुजीत भदौरिया को भी निलंबित कर दिया गया है.कार्तिकेयन कलेक्टर और सुनील पांडे नए एसपी बनाये गये .
इससे पहले भी उज्जैन में जहरीली शराब पीने से 14 लोगों की मौत हुई थी पर उस दौरान शिवराज सरकार आला अफसरों की बड़ी लापरवाही पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और जिसका नतीजा है कि शराब माफिया अपनी मनमानी करने लगे और जहरीली शराब बेचने लगे..
बागचीनी थाने के सभी पुलिसकर्मी हटाए गए :-
मुरैना जिले के बाद सीधे थाने के पुलिसकर्मियों प्रकाश गिरी है. बुधवार को पूरे थाने के पुलिसकर्मियों को हटा दिया गया है सभी पुलिसकर्मी लाइन भेज रहे हैं उनके जगह पर नए पुलिस बल की तैनाती की गई है…
पहले भी अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से उज्जैन में शराब माफिया चरम पर था जिसकी वजह से 14 लोगों की जान चली गई और अब ऐसी ही घटना मुरैना में भी हो गई.
और शायद ऐसा इसलिए हुआ कि सरकार ने समय रहते राजौरा की रिपोर्ट पर अमल नहीं किया
राजौरा ने अपनी रिपोर्ट में यह बात साफ कही थी कि उज्जैन की घटना और मैदानी पुलिसकर्मी और आबकारी विभाग के कर्मचारियों का नतीजा है जो एक ही जगह पर 10 से 15 साल तक पदस्थ व्यवस्था को बेहतर करने के लिए उन्हें बदलना होगा एक समय पर लंबे समय तक पदस्थ होने से उनका अपराधियों और माफियाओं से गठजोड़ बन जाता है.. जैसा कि मुरैना में हुए जांच को लेकर पता चला है कि कहीं ना कहीं इस मामले में पुलिस कर्मियों की बड़ी मिलीभगत है. पुलिसकर्मी आवाज शराब भरकर ले जाने वाले वाहनों को निकलवाने का भी काम करते थे. जिस जगह पर इतनी मौतें हुई है उस जगह पर काफी लंबे समय से अवैध शराब बेची जा रही थी पर इसके खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं कर रहा था.
कार्रवाई नहीं होने की वजह से माफियाओं का हौसला बुलंद था और उन्होंने जहरीली शराब बेचना शुरू कर दिया था. अधिकारी हर बार सब कुछ ठीक-ठाक होने की रिपोर्ट भेज दिया करते थे लेकिन जमीनी हकीकत तो कुछ और ही थी .
गोविंद सिंह ने जहरीली शराब कांड की न्यायिक जांच कराने की मांग की:-
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक गोविंद सिंह ने मुरैना के जहरीली शराब कांड मामले पर न्यायिक जांच कराने की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाया कि अवैध में जहरीली शराब का कारोबार राज्य सरकार के संरक्षण में चल रहा है. जिसके लिए सीधे तौर पर पुलिस और आबकारी विभाग जिम्मेदार हैं.
गोविंद सिंह ने यह बात भी कही की मैं तो को के आश्रितों को 20-20 लाख की आर्थिक सहायता और परिवार में किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए..