भिंड:- मध्यप्रदेश के भिंड में कोरोना में भिंड के एक परिवार के माता-पिता की जान ले ली जिसके बाद उनके पांच बच्चे बड़ी मुश्किल से जीवन यापन कर रहे थे, उन 5 पांच भाई-बहनों ने अपना गुजरा भीख मांग कर किया भिंड से जैसे ही ये खबर सोशल मीडिया में वायरल हुई तो सरकार हरकत में आने लगी. इन्हें सरकार से सहायता मिल गई है. इससे पहले ये बच्चे ग्रामीणों की कृपा पर जी रहे थे. इनमें से सबसे बड़ी बहन माता-पिता की भूमिका निभा रही है जो कि मात्र 10 साल की है. भाई-बहनों को धूप और बारिश से बचाने के लिए छत की जरूरत थी. क्योंकि, इस छोटे से परिवार ने श्मशान में अपना आशियाना बनाया था. दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए इन्हें दिनभर कड़ी मेहनत करनी पड़ती थी. मामला भिंड जिले के लहार के अमाह का है।
वहीँ इन बच्चों की खबर लगने के बाद कलेक्टर सतीश कुमार एस., पुलिस अधीक्षक मनोज सिंह सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंचे. इस दौरान पूरा इलाका छावनी बन गया. आंगनबाड़ी की महिलाएं भी पहुंच गईं. उन्होंने मासूम बच्चों को नाश्ता कराया और नए कपड़ों से सजाया. प्रशासनिक अधिकारियों ने उनकी कोरोना की जांच कराई और लहार शिशु गृह भेज दिया. कलेक्टर एसपी बच्चों से मिलने शिशु गृह भी पहुंचे. उन्होंने बच्चों से बात की और वहां के संचालक को बच्चों की देख-रेख के लिए निर्देशित किया।
आपको याद होगा कि राज्य सरकार ने कोरोना महामारी में अनाथ हुए बच्चों के लिए मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना की शुरुआत भी मई में की गई थी. लेकिन, इसके बावजूद बच्चों को पहचान पत्र और अन्य दस्तावेजों के अभाव में अभी तक सहायता नहीं मिल पायी थी. इससे तो यह साफ़ नज़र आता है कि प्रदेश की शिवराज सरकार के बड़े-बड़े वादे धरे रह गए ये सिर्फ एक प्रकार से आम जनता को लॉलीपॉप थमा दिया करते थे। क्योंकि, कोरोना से मौत के बाद प्रशासन का इस ओर ध्यान नहीं तरह और जैसे ही ये खबर सोशल मीडिया पर वायरल होती है तो पूरा प्रशासन हरकत में आ जाता है।