आजाद भारत की पहली तस्वीर है जब ट्रेन नहीं मिली, पैसा खत्म हो गया तो पैदल ही चल दिए मजदूर

मध्यप्रदेश/भोपाल (Bhopal) -:  ये आजाद भारत की  पहली तस्बीर है।जो इतनी बड़ी संख्या में मजदूरों को अपने घर लौटना पड़ रहा है।जिससे  जैसा भी बन पड़ा वो बस अपने घर की तरफ जा रहा है। कोई ट्रक में, कोई साइकल से तो कोई पैदल ही चल पड़ा है। इस्थति यह है कि इन दिनों तपती दोपहर और गर्मी में हाईवे पर मजदूरों  ही नजर आ रहे हैं।

मध्यप्रदेश (madhyapradhesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) में हर दिन ऐसा  नजारा लोग देख रहे हैं। कोई इन गरीबों की मदद करने के लिए भी पहुंच रहा है तो कोई उनके लिए खाने की व्यवस्था भी कर रहा है। तो कोई उनके पैरों में पड़ गाय छालों के लिए दवा का भी इंतजाम कर रहा है।

 अब आप को बता दे कि भोपाल के 11 मील रास्ते पर कुछ मजदूर पैदल जा रहे थे तो कुछ साइकिल पर जाते हुऐ नजर आए।जब उनसे पूछा तो पता चला मुंबई(Mumbai) से शहडोल (Shahdol), अनूपपुर(Anuppur), रीवा(Riva) और सतना(Satna) के अपने गावों की तरफ लौट रहे हैं। एक पेड़ के नीचे बैठी मजदूर और भी साथ के  लोग  गोद में बच्चा था और पैरों में छाले। उन्होने कहा कि गरीबी जो न कराए वो कम है। हम परिवार के साथ मुंबई में मजदूरी कर पेट पालने गए थे।कोई घर से या गाव से बाहर नहीं जाना चाहता है पर गरीबी सब करादेती है

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