कोटा में बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़ रहा,वही मध्यप्रदेश में दम तोड़ते मासूमों की गिनती सुनकर उड़ जाएंगे आपके होश
कोटा में बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़ रहा,वही मध्यप्रदेश में दम तोड़ते मासूमों की गिनती सुनकर उड़ जाएंगे आपके होश
- मध्यप्रदेश में एक साल में 31 हजार 944 बच्चों की मौत,
- अकेले भोपाल में हर दिन 5 की मौत
- राजधानी भोपाल में साल 2019 में 1818 बच्चों की मौत हुई है
कोटा में लगातार हो रही बच्चों की मौत के बाद अब मध्यप्रदेश की हालत भी ज़रा सुन लीजिये क्योंकि ये आंकड़े बेहद डरावने। बता दें कि बच्चों की जान के लिहाज से धार जिले में सांसें बेसहारा हैं। 21 लाख से ज्यादा आबादी वाले जिले में 13 विकासखंड हैं, जिनमें से 12 में डॉक्टर नहीं हैं। पिछले 9 महीने में यहां 908 बच्चों की मौत हो चुकी है। जिले में 80 प्रतिशत गर्भवती और शिशुओं की मौत खून की कमी से होती है। डॉक्टरों की मानें तो शरीर में आयरन की कमी से खून की कमी होती है।
जान लीजिये मौत के आंकडें
- झाबुआ के जिला अस्पताल के शिशु गहन चिकित्सा इकाई में साल 2019 में 195 बच्चों की मौत हुई।
- रतलाम जिला अस्पताल के एसएनसीयू में बीते 40 दिन में 61 नवजात ने दम तोड़ दिया है।
- बड़वानी के महिला अस्पताल में पिछले पांच सालों में 1400 नवजातों की मौत हुई है और 1500 से ज्यादा ने पैदा होने से पहले ही दम तोड़ा।
- खंडवा के जिला अस्पताल के चिल्ड्रन वार्ड में दो साल में ही 84 बच्चों की मौत हुई
- देवास के जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में हर महीने 9 से 10 बच्चे दम तोड़ देते हैं।
सरकारें आ रही है,जा रही है लेकिन बच्चों की मौत,महिला अपराध, असुरक्षित महिलाओं का आंकड़ा, आम आदमी की परेशानी कम होने का नाम ही नही ले रही है। आखिर इन सब के बीच जो वोट देकर जीताने वाली जनता है सिर्फ उसे ही कुछ नही मिलता बाकि राजनेता अपनी जेब बराबर भर लेते है।