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मध्यप्रदेश विधानसभा में शीतकालीन सत्र की बैठक को लेकर सस्पेंस जारी

मध्यप्रदेश विधानसभा में शीतकालीन सत्र की बैठक को लेकर सस्पेंस जारी

  • कांतिलाल भूरिया की बैठक पर कुछ फाइनल नही
  • भूरिया 20 साल बाद बैठेंगे सदन में
  • प्रहलाद लोधी की बैठक व्यवस्था को लेकर सुप्रीम करेगी फैसला

भोपाल। कैबिनेट विस्तार की अटकलें अभी खत्म भी नही हुई थी कि झाबुआ उप चुनाव में कांग्रेस को जीत दिलाने वाले नेता और विधायक कांतिलाल भूरिया की विधानसभा में 20 साल के बाद वापसी तो होने जा रही है लेकिन उनकी बैठक व्यवस्था को लेकर काफी कश्मकश देखी जा रही है क्योंकि पार्टी अब तक यही तय नही कर पा रही है कि कांतिलाल भूरिया मंत्री बनेंगे या विधायक ही रहेंगे बता दें कि मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र जल्द ही शुरु होने वाला है लेकिन अब तक बैठक व्यवस्था को लेकर कुछ भी फाइनल नही हो पा रहा है

 

 

दूसरी ओर भाजपा के पवई विधानसभा से विधायक रहे प्रहलाद लोधी के साथ भी कशमाकश बरकरार है। उनकी विधानसभा सदस्यता स्पीकर द्वारा रद्द किए जाने के मामले की वजह से विधानसभा में उनकी बैठक व्यवस्था कहां होगी यह अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भर करता है। इन सब के बावजूद, सदन में भूरिया की बैठक व्यवस्था अगर वह मंत्री बनते हैं तो अग्रिम पंक्ति में और अगर वह विधायक ही रहते हैं तो उनकी बैठक व्यवस्था वरिष्ठता के आधार पर तय होगी। ऐसा ही कुछ आलम भाजपा के साथ है। भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी की सदस्यता समाप्त करने के स्पीकर के आदेश के बाद उनका सदन में बैठना अब सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर टिका है। बता दें कि मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 17 दिसंबर से शुरू होने वाला है। भूरिया की विधानसभा में बैठने की व्यवस्था पर कांग्रेस अभी तक कोई फैसला नहीं कर सकी है। लेकिन ऐसी शंका जताई जा रही है कि कमलनाथ मंत्रिमंडल के विस्तार की संभावनाओं के चलते भूरिया की सीट मंत्रियों के साथ होने के आसार लग रहे हैं।

 

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