मध्यप्रदेश/भोपाल :-कमलनाथ सरकार बनने के बाद कई समर्थन कर रहे पार्टियों ने मंत्रिमंडल में मंत्री न बन पाने पर नाराज़गी जताई है ,इनमे एक नाम सुरेंद्र सिंह 'शेरा 'का शुमार हुआ है। सुरेंद्र सिंह ने कमलनाथ को अपने तेवर दिखते हुए बोला कि आज प्रदेश में बहुत बुरे हालत बन गए हैं न अधिकारी विधायकों की सुनते हैं न मंत्री की। इसके लिए उन्होंने कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया है ,
सूत्रों की मानें तो शेरा कमलनाथ से बेहद नाराज़ हैं ,उन्होंने बयान में कहा कि सरकार को एक वर्ष पूरे हो गए पर प्रदेश में कोई ख़ास सुधार नहीं देखी गयी ,आपराधिक प्रवृत्तियाँ दिन -ब- दिन जन्म ले रही हैं ,अधिकारी किसी की नहीं सुनते ,उनके मन में जो आ रहा वो वही कर रहे हैं। लिहाज़ा मध्यप्रदेश विधानसभा में पहली बार निर्वाचित होकर आये 38 विधायकों का अघोषित रूप से संगठन बना लिया गया है जिसका नाम “शेरा ग्रुप “रखा गया है।
बात को आगे बढ़ाते हुए शेरा ने कहा कि पूरी सिस्टम कन्फ्यूज़न में है ,ऐसे हालत के लिए सिस्टम में हुए कम्युनिकेशन गैप को ज़िम्मेदार ठहराया गया है।
ज्ञात हुआ है चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस ने दो निर्दलीय को मंत्री पद सौंपने की बात की थी जिसमे ठाकुर सुरेंद्र सिंह 'शेरा 'और प्रदीप जायसवाल का नाम शामिल था। सूत्रों के मुताबिक विधायकों की बैठक में एकमात्र निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल को मंत्री पद सौंपा गया जिससे सुरेंद्र सिंह एवं उनके साथियों ने बेहद नाराज़गी जताई थी।
दूसरी तरफ शेरा कमलनाथ के सामने अपने शक्ति का पुरज़ोर प्रदर्शन करने लगे हैं। शेरा के समर्थन में आये बुरहानपुर से एक आदिवासी दल विधानसभा पहुंचा। मुख्यमंत्री से मिलकर नेपानगर के लोगों ने अपनी नाराज़गी व्यक्त करते हुए बोला कि बाहरी लोग आकर नेपानगर के जमीनों पर कब्ज़ा कर रहे हैं जिसकी वजह से उन्हें आने वाले दिनों में मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है।