सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को दिया बड़ा झटका, कोर्ट ने मोदी सरकार से साफ कहा -"किसी की भी जासूसी मंजूर नहीं है"
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को दिया बड़ा झटका, कोर्ट ने मोदी सरकार से साफ कहा – 'किसी की भी जासूसी मंजूर नहीं है
नई दिल्ली:- पेगासस मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. लोगों की जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को झटका दिया है.कोर्ट ने जांच के लिए एक्सपर्ट कमेटी बना दी है.
कोर्ट ने मोदी सरकार से साफ कहा – 'किसी की भी जासूसी मंजूर नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने बनाई एक्सपर्ट कमेटी:-
कोर्ट में दायर याचिकाओं में स्वतंत्र जांच की मांग की गई थी. चीफ जस्टिस एनवी रमणा, जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने इसपर फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि लोगों की विवेकहीन जासूसी बिल्कुल मंजूर नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट की कमिटी में कौन-कौन है?
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश आरवी रवींद्रन
आलोक जोशी, R&AW के पूर्व प्रमुख
संदीप ओबेरॉय, टॉटा कंसल्टेंसी में साइबर सिक्योरिटी के प्रमुख
एक टेक्निकल कमिटी भी जिसमें तीन साइबर एक्सपर्ट होंगे शामिल:
डॉक्टर नवीन कुमार चौधरी, गांधीनगर की नैशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर
डॉक्टर प्रभाहरण पी, केरल के अम्रिता विश्व विद्यापीठ में प्रफेसर
डॉक्टर अश्विन अनिल गुमस्ते, आईआईटी
कोर्ट ने कहा कि मामले में 'न्याय होना जरूरी है और साथ में न्याय होते दिखना भी जरूरी है।' अदालत के अनुसार, किसी सरकारी एजेंसी या निजी संस्था पर निर्भर रहने के बजाय, कोई पूर्वाग्रह न रखने वाले, स्वतंत्र और सक्षम विशेषज्ञों को ढूंढ़ना एक बड़ी चुनौती थी