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छिंदवाड़ा: अन्धविश्वास में गयी युवक की जान, काले जादू के शक में ग्रामीणों ने युवक को पीट-पीटकर मार डाला

  • छिंदवाड़ा से सामने आया मॉब लीचिंग का मामला
  • ग्रामीणवासियों को युवक पर काले जादू करने का था शक
  • युवक को लाठी-डंडों से पीट-पीटकर मार डाला

छिंदवाड़ा/अंजली कुशवाह: MP के छिंदवाड़ा से अन्धविश्वास का एक नया मामला सामने आया हैं. जहाँ ग्रामीणवासियों ने काले जादू के शक में एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी. भीड़ में आए लोग बेहरमी से युवक को लाठी-डंडों से तब तक पीटते रहे, जब तक उसकी सांसें नहीं थम गईं. गांव के लोगों को युवक पर शक था कि बच्चों और महिलाओं के बीमार होने की वजह युवक का जादू-टोना है. पुलिस ने इस मामले में एक दर्जन संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है.

क्या हैं पूरा मामला

प्राप्त जानकारी के अनुसार ये वारदात छिंदवाड़ा शहर से करीब 100 किलोमीटर दूर पांढुर्णा कस्बा के बाड़ेगांव की है. पांढुर्णा टीआई राकेश भारती ने बताया कि 28 वर्षीय नारायण पुत्र भीमराव कुरवाड़े का सोमवार की शाम पांच बजे गांव के कुछ युवकों ने नारायण पर जादू-टोने का आरोप लगाया, जिसके बाद उनके बीच विवाद हो गया. इसके बाद एक दर्जन युवकों ने घेराबंदी कर नारायण को लाठी-डंडों से पीटना शुरू किया और तब तक पीटते रहे जब तक उसने दम नहीं तोड़ दिया. इस वारदात को अंजाम देने के बाद भीड़ में शामिल लोग भाग निकले. उधर, वारदात की सूचना के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में ले लिया है. आज शव का पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा.

लोगों ने दिखाई अमानवीयता

बता दें कि जानकारी के मुताबिक युवक नारायण मछली पालन का काम करता था. पुलिस के मुताबिक, जिस जगह नारायण की पीट-पीटकर हत्या की गई, वहां की सड़क खून से लाल हो गई थी. शव को कब्जे में लेने के बाद पुलिस ने सड़क को साफ कराया.

ग्रामीणों को काफी वक्त से था काले जादू का शक

नारायण पर काले जादू करने का संदेह ग्रामीणों को काफी वक्त से था. बताया जाता है कि इसके पूर्व भी ग्रामीणों के साथ उसका विवाद हो चुका था. हालांकि इस समय सीजनल फ्लू से बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है. हर घर में लोग और बच्चे बीमार पड़ रहे हैं. ग्रामीण इसके लिए नारायण को ही जिम्मेदार मान रहे थे.

बता दे कि मध्यप्रदेश में फ़िलहाल डेंगू और सीजनल फ्लू के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ रही हैं. इसके सबसे ज्यादा शिकार छोटे बच्चे हो रहे हैं.अस्पतालों में डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों के मरीजों की भीड़ काफी तेज़ी से बाद रही हैं.

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