सिहोरा: जेल वारंट निकलने के बाद जेलर ने आरोपी को जेल में रखने से किया मना!!
आनन-फानन में दी गई ज़मानत
मझगवा सरोली 151 के तहत कार्यवाही पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जिसके बाद न्यायालय ने आरोपी को जेल भेजने के आदेश दिए पुलिस जब आरोपी को जेल लेकर गई तो जेलर ने बिना कोरोनावायरस किए आरोपी को जेल के अंदर करने से मना कर दिया जिसके बाद पुलिस को मजबूरी वश आरोपी को जमानत दिलवाई गई।
क्या है मामला ??
दरअसल सिहोरा तहसील मुख्यालय के अंर्तगत मझगवा पुलिस को सूचना मिली कि खितौला खंपरिया निवासी कमलेश सोनी खेताराम कुमार सोनी उम्र 25 वर्ष स्कूल के सामने लड़ाई झगड़ा एवं हंगामा कर रहा है सूचना पर एएसआई जयराम सैयाम मौके पर पहुंचे एवं आरोपी को थाने लेकर आए और 151 के तहत कार्यवाही कर उसे जेल भेजा गया न्यायालय में पेश करने के बाद जज ने जेल वारंट निकालकर जेल भेजने के आदेश दिए पुलिस आरोपी को जब जेल लेकर गई जेलर ने यह कहकर मना कर दिया कि पहले आरोपी का कोरोना टेस्ट करवा कर आओ। अस्पताल में डॉक्टर ना होने की वजह से आरोपी का टेस्ट नहीं हो सका जिसके बाद पुलिस को मजबूरी वश आरोपी को जमानत दिलवाई गई।
बड़ा सवाल – यह है कि जब कोरोनो काल के दौरान पुलिस दिन औऱ रात ना देखकर कोरोनो फाइटर बनकर हमेशा तत्पर सेवाओं में लगी हुई है जहाँ पुलिस स्वयं की फिक्र किए बिना आरोपी को पकड़कर न्यायालय और जेल भेज रही है तब इन परिस्थितियों में जेलर द्वारा कोरोनावायरस का बहाना बनाकर बेवजह पुलिस को परेशान करना पुलिस के उत्साह को कम कर रहा है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार..???
जब द लोकनीति ने इस विषय में सिहोरा जेलर
दिलीप नायक से बात की तो उन्होंने मध्यप्रदेश शासन जेल विभाग का आदेश होने की बात कहीं |
हमारे पास जेल विभाग मंत्रालय से आदेश आया हुआ कि न्यायालयीन आदेश से न्यायिक हिरासत में जेल भेजे जाने वाले बंदियों की Covid-19 कोरोनो संबंधी जाँच के बाद ही दाखिल किया जाएगा |
दिलीप नायक (जेलर उपजेल सिहोरा )