मध्य प्रदेश में सस्ते सरकारी राशन के दुकानों पर चल रही कर्मचारियों की हड़ताल ख़त्म
मध्य प्रदेश में सस्ते सरकारी राशन के दुकानों पर चल रही कर्मचारियों की हड़ताल ख़त्म
सहकारिता मंत्री डॉ. अरविन्द सिंह भदोरिया ने कर्मचारी नेताओं के साथ मिलकर घोषणा की
भोपाल/ राजकमल पांडे। प्रदेश की तरह जिलेभर में करीब 125 सहकारी समितियों द्वारा संचालिक 405 उचित मूल्य की दुकानें बंद पड़ी थी. जिसके कारण गरीब हितग्राही खाद्यान्न पर्ची होने के बावजूद राशन प्राप्त नहीं कर पा रहे थे. जिससे समस्या गंभीर होते जा रही थी जिसके बाद ग्राम रोजगार सहायकों के माध्यम से राशन बंटवाने की योजना रही मगर वह भी नही हो पा रहा था.
जिले में मध्यप्रदेश सहकारिता कर्मचारी महासंघ के बैनर तले जिले के सभी सोसायटी संचालक बीती 4 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर थे. इसके चलते सभी उचित मूल्य की दुकानों पर ताला लगा हुआ था। शहरी हो या ग्रामीण क्षेत्र, हर जगह हजारों की तादाद में गरीब उपभोक्ता अनाज-राशन के लिए परेशान रहे। महंगी कीमत पर वह अपनी रोजमर्रा की जरूरतें पूरी कर रहे थे. अति गरीब परिवारों की दशा तो ये थी कि उनके घर पर एक वक्त का ही खाना बन पा रहा था. हड़ताल के चलते गंभीर होते हालातों को देखते हुए जिले के खाद्य विभाग ने एक नई कार्ययोजना तैयार की थी, मगर वह सफल नही हो सका। जिसके बाद सहकारिता मंत्री डॉ. अरविन्द सिंह भदोरिया ने हड़ताल खत्म करने की कमान अपने हाथ ली और हड़ताल कर्मियों से बात चीत करते हुए हड़ताल ख़त्म करवाने की बात कही, जिसके बाद कर्मचारी नेताओं ने अपना हड़ताल खत्म कर दिया.
गौरतलब है कि यदि हड़ताल यूं ही जारी रहता तो ग्राम पंचायतों में तैनात रोजगार सहायकों को शासकीय उचित मूल्य की दुकानों के संचालन का जिम्मा सौंपा जा सकता था। जहाँ सहायक ग्रामीण क्षेत्र के गरीब हितग्राहियों और खाद्यान्न पर्ची धारकों को गेहूं, चावल आदि राशन का वितरण करने की योजना थी. यद्यपि शहरी क्षेत्र की उचित मूल्य की दुकानों का संचालन कौन करेगा, इस पर विचार-विमर्श चल रहा था।