MP की अजब-गजब कहानी, मृत्यु प्रमाण पत्र की जगह जारी कर दिया जन्म प्रमाण पत्र

MP की अजब-गजब कहानी, मृत्यु प्रमाण पत्र की जगह जारी कर दिया जन्म प्रमाण पत्र

 जबलपुर:  जब आप किसी सरकारी नौकरी के लिए जाते हैं, तो किसी भी एक डॉक्यूमेंट के मौजूद न होने पर आपको कितनी मशक्कत करनी पड़ती हैं लेकिन जब सिस्टम ही आपके डॉक्यूमेंट को उलट-पलट कर दे तो आप क्या करेंगे….???

ठीक कुछ ऐसा ही हुआ, मध्यप्रदेश के जबलपुर ज़िले में जहाँ ,मृत्यु प्रमाण के आवेदन पर नगर निगम ने जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिया,
वहीं उसी के साथ आवेदन में रानीताल स्तिथ मोक्षधाम का मृत्यु प्रमाण पत्र भी सलंग्न था |
देखा जाए तो अब इस कृत्य से जबलपुर नगर निगम प्रशासन की कार्य शैली पर भी सवाल खड़े हो रहें हैं ??

क्या वाकई  किसी भी आवेदन के दस्तावेजों कि ढंग से जांच नहीं की जाती ???
आपको बता दें जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र नगर निगम के जोन कार्यालय से जारी किए जाते हैं जिसमें बकायदा उप रजिस्ट्रार की सील लगी होती है, वहीं स्वास्थ्य विभाग के सीएसआई के हस्ताक्षर भी प्रमाण पत्र में जारी किए जाते हैं अब इसमें बड़ा सवाल यह है कि जब इन अधिकारियों को इन प्रमाण पत्र को जारी करने का अधिकार है तो वह इतनी बड़ी गलती कैसे कर सकते हैं क्या साहब हस्ताक्षर करने से पहले पढ़ना उचित नहीं समझते ??

क्योंकि जब आम आदमी अपने किसी भी सरकारी कामों से किसी भी कार्यालय में जाता है तो बड़े-बड़े अधिकारी और साहब उनकी चप्पले घिसवा देते हैं…
क्या हैं मामला???
दरअसल हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता राइट टाउन निवासी सत्यनारायण मिश्रा का 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था जहां 27 जून को उनका अंतिम संस्कार रानीताल मुक्तिधाम में किया गया था वही उनके मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए पुत्र रोहित ने नगर निगम की जोन कार्यालय क्रमांक 13 में आवेदन दिया लेकिन वहां नगर निगम के कर्मचारियों ने उनके पिता को सरकारी दस्तावेजों में फ़िर से जन्म दे डाला …

अब सोचना होगा ..कि हमारे सिस्टम में बैठे हुए अधिकारी अपनी कुर्सी तोड़ते तोड़ते कितने मदहोश हो गए हैं …उनको अपनी जिम्मेदारी क्या सचमुच समझ आती है. अब यह अधिकारी अपनी गलती छुपाने के लिए कितना लीपापोती करते हैं??

Exit mobile version