शराब कारोबारियों की मंशा पूरी कर रही प्रदेश सरकार, आबकारी नीति में होंगे संशोधन
शराब कारोबारियों की मंशा पूरी कर रही प्रदेश सरकार, आबकारी नीति में होंगे संशोधन
सरकारें शराब से होने वाले दुष्प्रभाव को लेकर चुनाव के वक्त तमाम बड़ी बाते करते है,नशामुक्ति के ढेरों कैंपेन लगवाए जाते है लेकिन राजस्व बढ़ाने के लिए वही सरकार शराब की दुकान प्रदेश में बंद करवाने या दुकानों की संख्या कम करने के बजाय इनके कारोबार को बढ़ावा देने में कोई कसर नही छोड़ती। इस बार सरकार ने शराब कारोबारियों के मन का पूरा ख्याल रखते हुए आबकारी नीति में बदलाव करने की तैयारी कर रही है।
क्या करने जा रही कमलनाथ सरकार
प्रदेश सरकार आबकारी नीति में बड़े बदलाव करने जा रही है। जी है,जिसके मुताबिक शराब की दुकानें अलग-अलग नीलाम करने के बजाए ठेकेदारों के समूहों को एक या दो जिलों की सभी दुकानें देने की तैयारी है। इतना ही नहीं, एक साल का लाइसेंस देने और अगले साल टेंडर करने की व्यवस्था को भी बदलकर दो साल का लाइसेंस दिया जा सकता है।
आबकारी विभाग के आला अधिकारियों के साथ शराब कारोबारियों की चर्चा हो चुकी है। बताया जा रहा है कि कारोबारियों की मंशा के अनुरूप इस तरह के बदलाव की तैयारी है।बता दें कि शराब कारोबारियों की मंशा का सरकार ने पूरा ख्याल रखा है। साथ ही 16 साल पहले दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्री रहते शराब का कारोबार समूहों के ही हाथ में था। इसके बाद भाजपा के सत्ता में आने पर यह नीति बदल दी गई थी।
दस साल में आखिरी बार नीलामी 2015-16 में हुई
लंबे समय से शराब कारोबारियों का लाइसेंस नवीनीकरण ही किया जाता रहा। दस साल में आखिरी बार नीलामी 2015-16 में हुई। अब वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 के लिए नीलामी प्रस्तावित है। आबकारी विभाग को उम्मीद है कि इससे राजस्व बढ़ जाएगा।