सिहोरा : सिविल अस्पताल की "बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था", परिसर में ही "उपवास" पर बैठे "लफ्ज़ वेलफेयर" के युवा, ये है इनकी मांगे

सिहोरा/खाईद जौहर : मध्यप्रदेश के जबलपुर के अंतर्गत आने वाले सिहोरा शहर में सिविल अस्पताल की जटिल समस्याओं को लेकर बीते 3 दिनों से “लफ्ज़ वेलफेयर संस्था ” के युवा जन आंदोलन कर रहे हैं। ये सभी युवा अस्पताल परिसर में डेरा डाले हुए है, साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने की मांग को लेकर ये सभी उपवास पर बैठ गए हैं। 

 

 

दरअसल, सिहोरा नगर पालिका क्षेत्र से लेकर अनेकों गांव के लोग सिहोरा सिविल अस्पताल में इलाज कराने प्रतिदिन आते हैं फिर भी इस शासकीय सिविल अस्पताल की समस्या जस की तस बनी हुई हैं। बताया जा रहा है कि हर छोटी सी बीमारी को लेकर पीड़ित मरीज को जबलपुर मेडिकल रिफर कर दिया जाता हैं। 

 

 

“लफ्ज़ वेलफेयर संस्था ” से जुड़े यवाओं ने बताया कि सिहोरा सिविल अस्पताल, “आप-पास के गांव की चिकित्सा सुविधा के लिये बहुत आवश्यक है''। किंतु अस्पताल में मरीजों के उपचार व जांच व्यवस्था में अत्यधिक कमी होने के कारण परिजन व मरीजों दोनों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। युवाओं ने बताया कि इस समय गंभीर बीमारियां कोविड-19, डेंगू, व अन्य बीमारियों से संबंधित डॉक्टर्स की उपलब्धता, प्राथमिक उपचार की मशीनें जो कि पर्याप्त मात्रा में नहीं है इसके कारण स्थानीय नागरिकों को जन हानी जैसी अमानवीय घटनाओं को सामना करना पड़ता है। जो हमारे सिहोरा क्षेत्र के लिए बहुत गंभीर विषय रहा है। 

“लफ्ज़ वेलफेयर संस्था ” के युवाओं ने आरोप लगाया कि इस समस्या को लेकर कई बार शासन व प्रशासन से शिकायत की जा चुकी है, किंतु इस संबंध किसी जनप्रतिनिधी एवं प्रशासन गंभीरता से नहीं लिया जिसका परिणाम। जनता रोजाना भुगत रही है जिसके कारण लोगों में आकोश व्याप्त है।

ये है प्रमुख मांगे 

बता दे कि सिविल अस्पताल सिहोरा की जटिल समस्याओं को लेकर बीते 3 दिनों से उपवास पर बैठे “वेलफेयर के युवाओं” की समस्या को सुनने के लिए स्थानीय अधिकारी रुचि तक नहीं दिखा रहे हैं। न ही सांसद विधायक के पास समय है। वहीं, इन युवाओं का कहना है कि जब तक इनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती इनका जन आंदोलन जारी रहेगा। 

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