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सिहोरा : शिवराज सरकार के निर्णय को लेकर आक्रोश, विभाग के 15000 कर्मचारी गए हड़ताल पर देखें video

सिहोरा : शिवराज सरकार के निर्णय को लेकर आक्रोश, विभाग के 15000 कर्मचारी गए हड़ताल पर देखें video

  • कृषि उपज मंडी में मॉडल एक्ट का विरोध : कर्मचारी बोले सरकार मंडियों का अस्तित्व खत्म करने पर तुली,
  • अधिकारी और कर्मचारियों को पड़ जाएंगे वेतन के लाले

देखें video-https://www.facebook.com/TheLoknitiSihora/videos/595634501113996/
 द लोकनीति डेस्क जबलपुर (सिहोरा) 

 मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार द्वारा कृषि उपज मंडियों में मॉडल एक्ट लागू किए जाने के विरोध में संयुक्त संघर्ष मोर्चा मंडी बोर्ड भोपाल के आह्वान पर प्रदेशभर की 259 कृषि उपज मंडियों में काम करने वाले 15000 कर्मचारी तीन सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से सरकार को रोजाना करीब 100000 रूपये से अधिक के राजस्व का नुकसान हो रहा है। हड़ताली अधिकारी और कर्मचारियों का कहना है कि मॉडल एक्ट कर सरकार मंडियों का अस्तित्व तो खत्म कर ही रही है, साथ ही मंडियों में टैक्स की कमी के चलते यहां काम करने वाले कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़ जाएंगे। 
 संयुक्त संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर सिहोरा कृषि उपज मंडी में कार्यरत कर्मचारी मंडी प्रांगण के बाहर धरने पर बैठे हैं। कर्मचारियों का कहना था कि शासन ने मंडी मॉडल एक्ट लागू किया है जिसके अंतर्गत किसान अपनी उपज सीधे बाजार में बेच सकेंगे। यह व्यवस्था लागू होने से कृषि उपज मंडियों की आय प्रभावित होगी। कर्मचारियों का कहना है कि मॉडल एक्ट या अध्यादेश का विरोध नहीं कर रहे हैं। शासन या मध्य प्रदेश, राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल हमारे वेतन भत्ते पेंशन तय कर दे तो भविष्य की चिंता और भय समाप्त हो जाएगा। शासन की नई व्यवस्था से मंडी कर्मचारी और अधिकारियों को आर्थिक स्थिति से जुड़ना पड़ेगा क्योंकि अभी उनका वेतन मंडियों की आय पर ही निर्भर करता है।
 बंद हो जाएगी मंडी की आय : कर्मचारी और संयुक्त संघर्ष मोर्चा मंडी बोर्ड का कहना है कि इस अध्यादेश के जरिए मंडी के बाहर अनाज की खरीद और बिक्री की अनुमति देने के साथ ही टैक्स में छूट दी जा रही है, इससे मंडियों की आय बंद हो जाएगी जिसका हम विरोध कर रहे हैं। 


सूने पड़े मंडी के शेड, रोज हो रहा लाखों का नुकसान : मंडी कर्मचारियों की हड़ताल के कारण सिहोरा कृषि उपज मंडी के शहर पूरी तरह खाली पड़े हुए हैं। अनाज की खरीदी और बिक्री का काम ठप पड़ा है। ऐसे में एक अनुमान के मुताबिक कृषि उपज मंडी सिहोरा में रोजाना करीब 100000 रूपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है।

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