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सिहोरा : प्रशासन के दावे फेल केंद्रों में शुरू नहीं हुई धान की खरीदी, मंडी में 13 से 14 सौ रुपए धान बेचने को मजबूर अन्नदाता देखें video

सिहोरा : प्रशासन के दावे फेल केंद्रों में शुरू नहीं हुई धान की खरीदी, मंडी में 13 से 14 सौ रुपए धान बेचने को मजबूर अन्नदाता देखें video

  • शादी ब्याह और दूसरी जरूरतों के लिए किसान मंडी में व्यापारियों को ओन-पोन दामों पर धान बेचने विवश
  •  सिहोरा और मझौली के 31 केंद्र पड़े सूने
  •  धान खरीदी की तैयारियों के नाम पर कुछ भी नहीं
  • 16 नवंबर धान खरीदी की शुरू होने की तिथि

द लोकनीति डेस्क सिहोरा

पहला video – https://fb.watch/1QGnKTohtO/
दूसरा video – https://fb.watch/1QG8RPJrUn/
समर्थन मूल्य पर धान की सरकारी खरीदी के लिए वैसे तो सरकार ने 16 नवंबर की तारीख निश्चित की थी, लेकिन दो दिन बीत जाने के बावजूद सिहोरा और मझौली तहसील के 31 खरीदी केंद्रों पर धान की सरकारी खरीद शुरू नहीं हो पाई है। शादी ब्याह और गेहूं की बोवनी के लिए बीज और खाद के लिए किसान मजबूरी में 1868 रुपए की धान कृषि उपज मंडी सिहोरा में 13 से 14 सौ रुपए में बेचने को मजबूर है। प्रशासन दावे तो पूरे कर रहा है कि धान खरीदी केंद्रों पर उसने पूरी तैयारी कर ली है, लेकिन “द लोकनीति” जब ग्राउंड जीरो पर पहुंचा तो प्रशासन के सारे दावों की पोल खुल गई।


 4 समितियों का केंद्र तैयारी के नाम पर कुछ भी नहीं : धान की सरकारी खरीदी के लिए प्रशासन द्वारा पोड़ा, तलाड़, लीड सिहोरा, मार्किटिंग सिहोरा का खरीदी केंद्र दर्शनीय ओपन कैप बनाया गया। प्रशासन का दावा है कि सारी खरीदी केंद्रों पर खरीदी की सारी तैयारियां कर ली गई लेकिन जब हम मौके पर पहुंचे तो वहां पर व्यवस्थाओं के नाम पर कुछ भी नहीं था। न तो समिति के पोस्टर बैनर लगे थे और न ही समिति के कोई भी अधिकारी या कर्मचारी मौके पर मौजूद थे। यह स्थिति सिर्फ एक खरीदी केंद्र की नहीं बल्कि सिहोरा और मझौली के हर खरीदी केंद्र की है।


बेटी की करनी है शादी चाहिए है कैसा इसलिए कम दाम पर बेच रहे हैं धान : सिहोरा कृषि उपज मंडी में गोरहा के किसान चम्मू लाल पटेल अपनी 18 क्विंटल धान 1320 रुपए में बेची। किसान ने बताया कि उसने बरगी सोसाइटी में सवा 100 क्विंटल धान का रजिस्ट्रेशन कराया था लेकिन अभी तक केंद्र में धान की खरीदी शुरू नहीं हो पाई है। बेटी की शादी करना है, इसलिए इतने कम दाम पर धान को बेचने मजबूर हो गए। झिंगरई के के किसान लाल बहादुर पटेल ने बताया कि लखनपुर सोसाइटी में उन्होंने 200 क्विंटल धान का रजिस्ट्रेशन कराया था लेकिन अभी तक वहां धान की खरीद शुरू नहीं हुई। सरकार दावे तो करती है कि वह किसान के 11 अन्य के दाने को खरीद लेगी, लेकिन किसान को अभी वर्तमान में सबसे ज्यादा जरूरत गेहूं की फसल की बोवनी के लिए बीज, खाद की जरूरत है। ऐसे में मजबूरी में उन्हें अपनी उपज 13450 प्रति क्विंटल के हिसाब से बेचनी पड़ रही है। कुछ ऐसा ही हाल लाहौद के किसान इंद्र कुमार पटेल का था। वह अपनी 25 क्विंटल ओपन 1404 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से मंडी में बेच रहे थे।। उन्होंने बताया कि अगर सरकारी खरीदी शुरू भी हो गई तो पैसा खाते में कब तक आएगा अभी जरूरत उन्हें गेहूं की फसल को लेकर है हार्वेस्टर से जो धान कटाई थी उसका पैसा भी अभी उन्होंने नहीं दिया है।


हर समिति के 20 किसानों को भेजा एस एम एस : एक तरफ तो खरीदी केंद्रों में धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी की कोई तैयारी अभी तक नहीं हुई है भले ही प्रशासन उसका लाख दावा कर ले लेकिन तस्वीर इससे बिल्कुल उलट है। वहीं दूसरी तरफ एएफओ मीनाक्षी दुबे का कहना है कि सिहोरा और मझौली का अधिकतर समितियों में रोजाना 20 किसानों को मोबाइल के माध्यम से एसएमएस भेजा जा चुका है।

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