वन माफिया के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले सरपंच पति संतराम को उतारा मौत के घाट

लटेरी/विदिशा से कमलेश जाटव की रिपोर्ट – वन माफिया के खिलाफ लगातार आवाज उठाने और ऊपर तक शिकायतें करने वाले सरपंच आशादेवी वाल्मिकी के पति संतराम की दिन दहाड़े मुरवास गांव में ही ट्रेक्टर चढ़ाकर हत्या कर दी गई। इस सनसनीखेज घटना के बाद गांव में दहशत है। पुलिस ने मुख्य आरोपी रिजवान पुत्र फकीर मोहम्मद को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि आरोपी और भी हैं। उधर घटना के विरोध में विधायक उमाकांत शर्मा भी हत्या के विरोध में मुरवास पहुंचे और सड़क पर धरना देकर हत्यारों को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं।
घटना मुरवास गांव की और जिला पंचायत सदस्य सरदार सिंह कुशवाह के घर के पास की है। जानकारी के अनुसार शिकायतों से आक्रोशित 4-5 लोगों ने बाइक से आते संतराम को घेर लिया और उसकी पिटाई की। इस दौरान वह गिरा और फिर उस पर रिजवान पुत्र फकीर मोहम्मद ने टे्क्टर चढ़ाने का प्रयास हुआ, जिसकी ब्लेड से वह बुरी तरह जख्मी हो गए और फिर मौके पर ही उनकी मौत हो गई। घटना की सूचना तत्काल मुरवास थाने में दी गई और पुलिस ने पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए लटेरी पहुंचाया अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय साहू और एफएसएल टीम भी मौके पर पहुंच गई। पोस्टमार्टम के बाद शाम 7 बजे संतराम का शव उनके घर आया, इस दौरान जमकर बारिश होने लगी।
अतिक्रमण हटाने का जारी हुआ था आदेश
संतराम लंबे समय से फकीर मोहम्मद तथा अन्य के खिलाफ पेड़ों की कटाई और अतिक्रमण की शिकायत कर रहे थे। लेकिन अभी 12 मार्च को ही जिला वनमंडलाधिकारी राजवीर सिंह ने अपने रेंजर को इस आशय का पत्र भेजा था कि वन विकास निगम बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई 16 मार्च से शुरू करने वाला है, इसमें उन्हें पूरा सहयोग दें। 16 मार्च से कार्रवाई तो शुरू नहीं हुई, लेकिन पत्र की जानकारी आरोपियों को लग गई और उन्होंने शिकायत करने वाले संतराम को ही मौत के घाट उतार दिया।
ये मांग की थी संतराम ने
मुरवास सरपंच आशादेवी के पति संतराम वाल्मीकी वन विकास निगम की जमीन पर लगातार हो रहे अतिक्रमण और सागौन की अवैध कटाई के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं। उन्होंने इसमें वन विकास निगम के अधिकारियों की सांठगांठ का आरोप लगाते हुए फकीर मोहम्मद और उसके पुत्रों की निगम प्रबंधक और कलेक्टर से लेकर राज्यपाल और लोकायुक्त तक शिकायत की थी। संतराम ने अपनी शिकायतों में निष्पक्ष जांच कराकर फकीर मोहम्मद और अन्य अतिक्रमणकर्ताओं का अतिक्रमण हटाने और जंगल बचाने की मांग की थी।
कहां-कहां की थीं शिकायतें
संतराम ने अपनी शिकायत 10 सितंबर 2020 को कलेक्टर से की थी। इसी दिन डीएफओ से शिकायत की। महाप्रबंधक वन विकास निगम, लोकायुक्त भोपाल, उपमहाप्रबंधक वन विकास निगम, क्ष्ेात्रीय प्रबंधक वन विकास निगम, 15 सितंबर 2020 को राज्यपाल और मुख्यमंत्री तक से शिकायत की थी। लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई तो नहीं हुई, उल्टे संतराम को मौत के घाट उतार दिया गया।
जमा हो गए एक पक्ष के लोग तो पुलिस ने खदेड़ा
जब विधायक उमाकांत शर्मा, विहिप, बजरंगदल के नेताओं कार्यकर्ताओं सहित जब थाने के पास सड़क पर धरना देकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे तो उस दौरान दूसरे पक्ष के लोग भारी संख्या में उनसे चंद कदम दूर एकत्रित हो गए। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने इस स्थिति पर नाराजगी जताई तो पुलिस ने मौके पर से दूसरे पक्ष के लोगों को खदेड़कर भगाया।
विधायक को बुलाने आई पुलिस, नहीं गए
सड़क पर बैठे विधायक और हिन्दूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में पुलिस और दूसरे पक्ष के खिलाफ जमकर नारेबाजी होती रही। इस दौरान पुलिस के एक अधिकारी विधायक को बुलाकर अलग बात करने का प्रयास करने लगे, लेकिन विधायक ने इंकार कर दिया।विधायक का आरोप-तलवारें लहराते रहे लोग
धरने पर बैठे विधायक उमाकांत शर्मा ने मीडिया से कहा कि मेरी जानकारी में आया है कि संतराम जो हमारे दलित नेता थे, उनकी हत्या कर दी गई है। हत्या के आरोपियों ने वन निगम की जमीन पर पेड़ों को काटकर सैंकड़ों बीघा जमीन पर अतिक्रमण किया है। सितंबर 2020 को एसडीएम ने इसकी जांच के निर्देश दिए थे, जांच तो पूरी नहीं हुई, लेकिन संतराम की हत्या कर दी गई। ये बर्बर हत्या है। थानेदार अपराधी को बचाकर ले गया, जबकि संतराम मौके पर तड़पते रहे। इस दौरान दूसरे पक्ष के लोग खुले आम घूम रहे हैं, धमकियां दी जा रही हैं कि गवाही दी तो तुम्हारा भी वही हशल होगा तलवारे और कट्टे खुलेआम घुमाए जा रहे हैं, लेकिन पुलिस को कुछ नहीं सूझ रहा। मेरी मांग है कि इस साजिश में जितने लोग शामिल हैं,उन सबको गिरफ्तार किया जाए और पीडि़त परिवार को संरक्षण तथा उचित राहत दी जाए। संतराम हमारे दलित नेता थे, उनकी हत्या करने वालों के अतिक्रमण अभी भी हैं, उन्हें तत्काल हटाया जाए। कलेक्टर और एसपी बर्बर हत्या करने वालों पर सख्त कार्रवाई कर रासुका लगाएं। इस मामले में पूरी तरह प्रशासनिक लापरवाही उजागर हो रही है, मैं इसकी निंदा करता हूं। वन विकास निगम में डीएफओ श्रीवास्तव, एसडीओ भदौरिया और रेंजर दुबे को तत्काल हटाया जाए।
इनका कहना
सरपंच प्रतिनिधि संतराम वाल्मिकी की हत्या की गई मुख्य आरोपी रिजवान मोहम्मद को गिरफ्तार कर लिया गया है। हत्या का मुकदमा धारा 302 के तहत दर्ज कर लिया है वन विकास निगम की जमीन पर अतिक्रमण संबंधी शिकायतों पर विवाद था। लोगों ने बताया है कि आरोपी और भी थे। तलाश की जा रही है।
एडिशनल एसपी विदिशा