सिहोरा : स्वर्ण प्राशन के माध्यम से स्वस्थ एवं शक्तिशाली बनेंगे बच्चे, यहां हुआ केंद्र का शुभारंभ
सिहोरा : स्वर्ण प्राशन के माध्यम से स्वस्थ एवं शक्तिशाली बनेंगे बच्चे, यहां हुआ केंद्र का शुभारंभ
- जन्म से 16 वर्ष तक के बच्चों को मिलेगा लाभ
- स्वर्ण प्राशन से रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ती है। बच्चे शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनते हैं
द लोकनीति डेस्क सिहोरा
सिहोरा में जन्म से लेकर 16 वर्ष की आयु तक के बच्चों को स्वर्ण प्राशन के माध्यम से स्वस्थ एवं शक्तिशाली बनाने के लिए स्वर्ण प्राशन संस्कार केंद्र का शुभारंभ स्वयं क्लीनिक सिहोरा में किया गया।
सिहोरा में प्रारंभ हुए इस केंद्र में डॉक्टर आशीष शुक्ला एवं डॉक्टर कामिनी शुक्ला के माध्यम से स्वर्ण प्राशन संस्कार में बच्चों को आयुर्वेदिक औषधियों के द्वारा जन से लेकर 16 वर्ष तक के बच्चों को आयुर्वेदिक औषधियों का प्रयोग कर उन्हें स्वस्थ शक्तिशाली एवं स्मार्ट बनाने के लिए उपयोग किया गया।
यह हैं स्वर्ण प्राशन के लाभ : स्वर्ण प्राशन संस्कार केंद्र एक अनोखी योजना है, जिसमें कमजोर बच्चों को आयुर्वेदिक दवाइयों के माध्यम से स्वस्थ एवं शक्तिशाली बनाने के लिए इस केंद्र का शुभारंभ किया गया है। स्वर्ण प्राशन से रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ती है। बच्चे शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनते हैं। उनका रेटीना हर उम्र के बच्चों से बेहतर रहता है, बुद्धि व स्मरण शक्ति तेज होती है। हाइपर एक्टिव बच्चों को स्वर्ण प्राशन से लाभ होता है। पाचन प्रक्रिया ठीक रहती एवं उन्हें भूख लगती है। बच्चों के रंग एवं रूप में निखार आता है। एलर्जी के कारण उत्पन्न प्रकार जैसे बार बार सर्दी, बुखार आना खांसी दमा बाल का और खुजली टांसिल का बढ़ना आदि समस्याएं दूर होती हैं। वजन और लंबाई समय अनुसार वर्णन रात में बिस्तर गीला करने की आदत छूट जाती है 1 साल का होने के बाद बच्चे चलने में असमर्थ रहते हैं उन्हें स्वर्ण प्राशन का लाभ मिलता है।