कोरोना के दौरान पूरे प्रदेश में गंदी राजनीति कर रही है शिवराज सरकार
Bhopal Desk:-
इस कोरोना महामारी के दौरान अगर आपके घर में कोई बीमार हो और आपको ये पता चले कि आपके नजदीकी अस्पताल में ICU वार्ड नहीं है। अस्पताल में स्टाफ के पास मास्क व PPE किट नहीं है। जो एम्बुलेंस आपके घर मरीज लेने आयी है वो टॉयलेट के पानी से सैनिटाइज की गई है। तो क्या आप अपने घर के सदस्य का इलाज उस अस्पताल में कराना चाहेंगे!
जी हाँ, मध्यप्रदेश के अस्पतालों की हालत बिल्कल ऐसी ही है। प्रदेश के 52 जिलों में से 31 जिलों में ICU वार्ड नहीं है। इंदौर में कोरोना के सैम्पल कलेक्शन के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास जैल वाले आइस पैक ही नहीं है। एम्बुलेंस को टॉयलेट के पानी से सैनिटाइज किया जा रहा है। कोरोना संदिग्ध मरीज अस्पतालों के चक्कर लगाते रहते हैं। इलाज न मिलने उनकी मौत हो जाती है। कोरोना तक तो ठीक है, लेकिन यहाँ एक गर्भवती महिला को निजी अस्पताल ने भर्ती नहीं किया, सही समय पर इलाज न मिलने से उस महिला और पेट में पल रहे बच्चे की भी मौत हो गयी। ऐसी भयावह स्थिति में जब स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं मजबूत करना चाहिए था तब भाजपा मध्यप्रदेश में 138 वर्चुअल रैली करने जा रही है। उपचुनाव के लिए मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज चौहान लगातार प्रदेश स्तर की बैठके कर रहे हैं। भाजपा नेताओं ने कई बार Social Distancing की धज्जियाँ उड़ाईं। ऐसी घटनाओं से स्पष्ट साबित होता है कि शिवराज सिंह चौहान पूरे प्रदेश को लावारिस छोड़कर खुद चुनाव की तैयारियों में व्यस्त हो गए हैं। आज इंदौर के हालात बदतर होते जा रहे हैं। सामान्य बीमारी के मरीजों को भी अस्पतालों में चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पंकज सिंह ने बताया कि चुनाव प्रचार के चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने प्रदेश की जनता को उनके हाल पर छोड़ दिया है। मध्यप्रदेश में कम टेस्टिंग के लिए भी पंकज सिंह ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा व कहा कि प्रदेश में टेस्टिंग कम होने से मरीज भी कम आ रहे हैं और कम मरीज आने को ही शिवराज सिंह चौहान अपनी उपलब्धि बता रहे हैं।
पंकज सिंह ने कहा कि शिवराज सरकार को दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं से सबक लेना चाहिए कि किस प्रकार दिल्ली में कोरोना मरीजों के लिये केजरीवाल सरकार बेहतर व्यवस्थाएं दे रही है। जहाँ एक ओर मध्यप्रदेश में निजी अस्पताल कोरोना का इलाज करने पर बड़े-बड़े बिल दे रहे हैं वही दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने निजी अस्पतालों में लगाम कस रखी है।
पंकज सिंह ने शिवराज सरकार से मांग की है कि प्रदेश में कोरोना के अधिक से अधिक टेस्ट हो, यह भी सुनिश्चित किया जाए की कोरोना मरीज को इलाज के लिए भटकना ना पड़े एवं मुफ्त इलाज करवा सके। दिल्ली में कोरोना से लोगों की जान बचाते हुए अपनी जान गवाने वाले मेडिकल स्टाफ व सफाईकर्मियों के परिवार को केजरीवाल सरकार ने 1 करोड़ की समान राशि उपलब्ध करा रही है। कंस्ट्रक्शन, मजदूर व रिक्सेवाले को केजरीवाल सरकार ने प्रति व्यक्ति 5,000 रुपये उनके खाते में जमा किया है। दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने प्रवासी मजदूरों व असहाय लोगों को रहने के लिए रैन बसेरा बनवाया व प्रतिदिन 10 लाख लोगों को दोनों टाइम का भोजन उपलब्ध कराया। लेकिन शिवराज सरकार मध्यप्रदेश में कोई ठोस कदम नहीं उठा पाये।
उन्होंने यह भी मांग की कि चुनाव प्रचार से पहले वह मध्यप्रदेश की जनता की सुध लें। हर जिले में व्यक्तिगत रूप में जानकारी लें ताकि जनता को सही समय पर और सही इलाज मिल सके।