By: Anjali Kushwaha
शिवपुरी: शिवपुरी में 18 दिन पहले आई तेज बारिश और बाढ़ में हुई तबाही का बुरा असर बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ रहा है. जहाँ स्कूलों में बच्चों को बांटने के लिए रखीं किताबें पानी में भीग कर खराब हो चुकी हैं. कंप्यूटर, लैब सब कुछ बर्बाद हो गए हैं. जिले में 350 ऐसे स्कूल हैं, जिन्हें वापस से सही करने के लिए साढ़े 7 करोड़ की लागत लगेगी.
इन हालातों के बीच सरकारी स्कूलों के बच्चों और शिक्षकों में भी खौफ नजर आया. कोई भी क्लास में नहीं जाना चाहता था. बाढ़ के पानी की वजह से दीवारें कमजोर हो गई हैं और कई जगह धसक जाने से छतों में दरारें आ गई हैं. सबको डर सता रहा है कि स्कूल छत अचानक ढह न जाए.
वहीं एक सरकारी स्कूल कन्या हायर सेकेण्डरी स्कूल की स्थिति और भी ख़राब जहाँ कमरों की दीवारों से पानी चू रहा है और छत से भी बूंद-बूंद पानी गिर रहा है. स्कूल में बच्चों को बांटने के लिए रखी हुई किताबों सहित पुस्तकालय की किताबें भी गीली हो चुकी हैं. इसके अलावा स्कूल में बच्चों के बैठने का फर्नीचर भी पानी से खराब हो रहा है, कमरों की छतें बीच बीच में से नीचे को झुक गई हैं, जिससे डर है कि कहीं कमरे की छत ढह न जाए.
शासकीय हाई स्कूल फिजीकल में बाढ़ के दौरान चैनल गेट के रास्ते और छत से पानी कम्प्यूटर रूम में भर गया, जिससे यहां रखे कम्प्यूटर, प्रिंटर, LED में पानी भर गया हैं. जिससे स्कूल में एडमिन से जुड़ा काम नहीं हो पा रहा है. यहां भी कमरों में पानी होने के कारण कई बच्चे तो स्कूल आना ही छोड़ गए हैं, जो बच्चे आ रहे हैं, उन्हें दूसरे सुरक्षित कमरों में बैठा कर पढ़ाई कराया जा रहा है.
बात अगर जिले भर के आठों ब्लॉक में बाढ़ और बारिश के कारण खराब हुए स्कूलों की करें तो जिले भर में अभी तक जो स्थिति सामने आई है, उसके अनुसार प्राइमरी, मिडल, हाई, हायर सेकेण्डरी स्कूलों सहित कुल 350 स्कूल बारिश के कारण पानी-पानी हो रहे हैं. प्रारंभिक तौर पर किए गए आकलन के अनुसार इन स्कूलों को सही कराने के लिए साढ़े सात करोड़ रुपए की दरकार है, जिसके लिए प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा चा चुका है.