मध्यप्रदेश/उज्जैन : मध्यप्रदेश के कई जिलों में कोरोना बेकाबू हो गया हैं। हालात ये है कि मरीज़ों को अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी, बेड की कमी के साथ झुंझना पड़ रहा हैं।
इसी बीच प्रदेश के कैबिनेट मंत्री मोहन यादव के प्रतिनिधि अभय विश्वकर्मा पर बड़ा आरोप लगा हैं। आरोप है कि उसने उज्जैन का माधवनगर अस्पताल हाईजेक कर रखा हैं। वह लोगों से रुपए लेकर उनके मरीजों को यहां बेड दिलवाता था। उसकी वजह से 94 ऑक्सीजन वाले बेड पर होते थे, जबकि 50 ऑक्सीजन वाले बिस्तर के लिए जद्दोजहद करते थे।
अस्पताल का कुछ स्टाफ भी इसके साथ मिला हुआ हैं। इनके माध्यम से उसे पता चल जाता था कि कहां कौन सा बेड खाली हुआ हैं।
अस्पताल के प्रभारी डॉक्टर संजीव कुमरावत 25 दिनों तक माधवनगर अस्पताल के प्रभारी रहे, लेकिन चाह कर भी अभय विश्वकर्मा के चंगुल से अस्पताल को मुक्त नहीं करा पाए। उन्होंने अस्पताल में मरीजों की सहूलियत के लिए टोकन सिस्टम शुरू किया, लेकिन अभय पर इसका भी कोई असर नहीं पड़ा।
जिससे परेशान होकर उन्होंने नगर निगम कमिश्नर से ट्रांसफर मांगा। उनके आवेदन पर ट्रांसफर कर भी दिया गया। उन्होंने मांग की के नागदा में नया 50 बेड वाला अस्पताल शुरू हो रहा है आप वहां ट्रांसफर कर दीजिए। इसके बाद अगले ही दिन डॉ. कुमरावत का ट्रांसफर हो गया।
गौरतलब है कि अस्पताल के प्रभारी डॉ. संजीव कुमरावत की चैटिंग सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और मामला सामने आ गया। कुमरावत ने नगर निगम कमिशनर क्षितिज सिंघल को 1 मई को सुबह 8:45 पर WhatsApp किया था। उन्होंने लिखा- अपने आप को उच्च शिक्षा मंत्री का प्रतिनिधि कहने वाले अभय विश्वकर्मा ने माधव नगर अस्पताल को हाईजेक कर रखा हैं।
वहीं, इस खुलासे के बाद कांग्रेस ने मंत्री मोहन यादव से इस्तीफा मांगा हैं। कांग्रेस ने प्रभारी डॉक्टर के आरोपों की जांच के साथ मंत्री मोहन यादव के इस्तीफे की मांग की हैं। तराना के कांग्रेस विधायक महेश परमार ने कहा है कि उन्हें पहले से ही अभय के कारनामे की जानकारी थी और उन्होंने मंत्री को भी इसके बारे में बताया था। परमार ने माना कि माधवनगर अस्पताल में आईसीयू बेड अभय के इशारों पर ही अलॉट होते थे।