Bhopal :- उलझते रहे माता-पिता, काेने में बैठी सात साल की बेटी काॅपी में उकेरती रही जज्बात
भोपाल / गरिमा श्रीवास्तव :- कभी कभी मासूम बच्चों की आँखें भी सारी व्यथा जानते समझते हुए भी कुछ नहीं कहती हैं, पर पन्ने पर उकेरी लकीरों ने सब कुछ कह डाला। ऐसी ही एक छोटी बच्ची की व्यथा है जो अपने माता पिता के आपसी विवाद के बीच इस प्रकार उलझ गई है कि कुछ बोल भी नहीं सकती और चुप रह पाना भी मुश्किल हो रहा है।
एक तरफ जहाँ कोर्ट में माता पिता लड़ रहे हैं वहीं दूसरी तरफ एक कोने में 7 साल की मासूम बैठ कर कोरे पन्ने पर अपनी व्यथा उकेर रही है। जिला विधिक प्राधिकरण में एक महिला ने भरण-पोषण के लिए आवेदन किया था। कोर्ट ने पति -पत्नी को समझाने के लिए उन्हें कॉउन्सिल हेतु बुलाया। इस दौरान पति पत्नी दोनों एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे थे।
उनके इस आपसी विवाद से परेशान उनकी 7 वर्षीय मासूम बेटी कोर्ट के कोने में बैठ कर चित्र बना रही थी। जब अचानक जज का ध्यान बच्ची पर पड़ा तो उन्होंने देखा कि बच्ची काफी उदासीन चेहरे के साथ एक ऐसी चित्र बना रही थी। जज ने लड़ रहे दंपति से पूछा की क्या यह आपकी बच्ची है ?दंपति ने हाँ में जवाब दिया।
जज ने बच्ची को कॉपी के साथ अपने पास बुलाया और कॉपी दिखाने को कहा कॉपी देखते ही जज अवाक रह गए। बच्ची ने अपनी व्यथा को इस प्रकार उकेरा था जिसका वर्णन करना शायद हर किसी के लिए मुश्किल होगा।
बच्ची ने एक पेज पर मम्मी और पापा का चित्र बनाया था। उन दोनों के बीच में खुद का चित्र बनाया। जज ने पूछा-बेटा, मम्मी और पापा काे अपने से दूर-दूर क्याें बनाया? तुमने उनका हाथ क्याें नहीं पकड़ा?
ताे बच्ची ने मासूमियत से कहा- मम्मी-पापा लड़ते रहते हैं और अलग-अलग रहते हैं।मुझे उन दोनों के साथ में रहना है पर उनकी लड़ाई कभी खत्म नहीं होती है। बच्ची ने जज के कान में जाकर कहा कि मैं जो कहूँगी वह आप इस पन्ने पर लिखना। जज ने बच्ची के अनुसार उसकी कही हुई बातों को पन्ने पर लिखना आरम्भ किया। बच्ची ने कहा कि अगर मम्मी पापा लड़ते रहेंगे तो मैं उनसे कभी बात नहीं करूंगी।
जज से बात करते हुए बच्ची ने कहा कि ” जज अंकल मेरे मम्मी पापा से कहो कि सभी मेरे नानी के घर आकर रहें और नानी और दादी की दोस्ती करा दी जाए। ताकि फिर लड़ाई न हो।
बच्ची के बातों से जज भावुक हो उठे .
दंपति को फटकार लगते हुए जज आशुतोष मिश्रा ने कहा कि क्या ऐसी प्रकार आप बच्ची को जीवन देंगे। एक 7 वर्षीय मासूम बच्ची को कितना गहरा असर हुआ है। बेटी के जन्म के बाद अपने ईगाे काे दरकिनार करके माता-पिता बन जाओ, उसकी भावनाओं के बारे में साेचाे।
दंपती ने विचार के लिए वक्त मांगा है।
कोटरा सुल्तानाबाद निवासी महिला का कहना है कि उसका पति उसे प्रताड़ित करता था जिसके कारन से वह मानसिक रूप से बहुत परेशान हो चुकी थी। कभी कभी तो पति उसे बुरी तरह से पीटा करता था जिसके बाद उसने शिकायत दर्ज़ कराई थी।
2013 में दंपति इ बीच बच्ची ने जन्म लिया पर फिर भी पति के बर्ताव में कोई सुधार नहीं हुआ।
महिला भोपाल आ गई।
अब मामला फिर से उठा है क्योंकि पत्नी को बच्ची और स्वयं के भरण पोषण हेतु पति से पैसे चाहिए।