विधानसभा का 7 दिवसीय शीतकालीन सत्र 17 दिसंबर से शुरू हो रहा है

भोपाल। मध्यप्रदेश की पंद्रहवीं विधानसभा का 7 दिवसीय शीतकालीन सत्र 17 दिसंबर से शुरू हो रहा है। सत्र 23 दिसंबर तक चलेगा, इसमें पांच बैठक होंगी। ये 15वीं विधानसभा का चौथा सत्र होगा। खास बात है ये की 17 दिसंबर को ही प्रदेश की कमलनाथ सरकार को एक साल पूरा होने जा रहा है। मुख्यमंत्री कमलनाथ राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मौजूदगी में अगले चार साल का विजन डाक्यूमेंट जारी करेंगे। विधानसभा के मंगलवार से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र की तैयारी को लेकर कांग्रेस और भाजपा के विधायक दल की बैठक आज शाम को होंगी। मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित कांग्रेस विधायक दल की बैठक शाम छह बजे से होगी। बैठक में भाजपा के हमलों का जवाब देने की रणनीति पर चर्चा होगी। इधर, भाजपा विधायक दल की बैठक प्रदेश कार्यालय में शाम सात बजे से होगी। जिसमे उन मुद्दों पर विचार किया जाएगा, जिनमें सरकार को घेरना है। मुख्य रूप से किसानों की समस्याओं, कर्जमाफी, कानून-व्यवस्था आदि पर फोकस रहेगा। इससे पहले भाजपा अपने विधायकों को व्हिप जारी कर चुकी है।

कांग्रेस ने व्हिप जारी किया 

विधानसभा में किसी भी मुद्दे पर मत-विभाजन की स्थिति पैदा होने की आशंका के चलते पार्टी ने विधायकों को पांचों दिन उपस्थिति रहने के लिए निर्देश दिए हैं। प्रदेश कांग्रेस के स्थायी सचिव किशन पंत ने विधायकों को व्हिप जारी किया है। इसमें लिखा है कि छह जनवरी को विधायक दल की अति महत्वपूर्ण बैठक है। इसके साथ ही विधानसभा में विधायकों की उपस्थिति पूरे समय अनिवार्य है। दरअसल, कांग्रेस सरकार विधानसभा में मीसाबंदी पेंशन को खत्म करने, किसानों की कर्जमाफी करने, और अनुपूरक बजट सहित कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव व विधेयक लाने जा रही है। इन प्रस्तावों के पारित होने में संख्या बल के कारण कोई अडंगा न आ सके, इसकी तैयारी कांग्रेस ने की है। कांग्रेस के पास स्वयं के 114 और समर्थन दे रहे बसपा, सपा, निर्दलीय मिलाकर कुल 121 विधायक हैं। जबकि, भाजपा के पास 109 विधायक हैं।

भाजपा ने भी जारी किया व्हिप

शीतकालीन सत्र से पहले भाजपा ने भी व्हिप जारी किया है। व्हिप जारी होने के बाद अब सभी विधायकों को सत्र के दौरान विधानसभा में अनिवार्य रूप से मौजूद रहना होगा। हालांकि , मॉनसून सत्र में भाजपा के नारायण त्रिपाठी और शरद कोल ने कांग्रेस के पाले में वोट कर दिया था। भाजपा ने उस दौरान व्हिप जारी नहीं किया था लिहाजा विधायकों पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। नारायण त्रिपाठी वापस भाजपा में लौट आए और शरद कोल के सुर भी बदल गए हैं।  इसलिए अलर्ट है भाजपा : शीतकालीन सत्र से पहले पवई विधायक प्रह्लाद लोधी की सदस्यता बहाल होने के बाद भाजपा के खेमे में थोड़ी राहत ज़रूर है, लेकिन उससे ज्यादा सियासी गणित में कांग्रेस का पलड़ा कांतिलाल भूरिया की जीत के बाद भारी हो गया है। 2018 विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद 230 सीटों में से कांग्रेस को 114 और बीजेपी को 109 सीटें मिली थीं, लेकिन झाबुआ उपचुनाव के बाद कांग्रेस की सीटों की संख्या 115 हो गई है। वहीं, बीजेपी विधायकों की संख्या एक कम होकर, 108 रह गई है। 

बापू के लिए सदन में पहली बार ड्रेस कोड: विधानसभा के शीतकालीन सत्र के किसी भी एक दिन सभी विधायक एक जैसा कुर्ता-पायजामा व जैकेट पहनेंगे। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर उनकी याद में यह प्रयोग किया जा रहा है। जबकि छत्तीसगढ़ विधानसभा में विधायकों के लिए ड्रेस कोड का प्रयोग हो चुका है। 

मुख्यमंत्री जारी करेंगे विजन डाक्यूमेंट: सरकार का एक साल पूरा होने पर मुख्यमंत्री कमलनाथ 17 दिसंबर को 'विजन डाक्यूमेंट 2025' पेश करेंगे । विजन डाक्यूमेंट में सरकार अगले चार साल में क्या-क्या करेगी और उसकी क्या योजनाएं हैं, उसे प्रस्तुत करेगी। कांग्रेस सरकार के एक साल पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिहं भी मौजूद रहेंगे। 

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