सभी खबरें

लापरवाही की हदः- स्क्रीनिंग तक का इंतजाम नहीं, बिना जांच हो रहा नागरिकों का आवागमन

लापरवाही की हदः- स्क्रीनिंग तक का इंतजाम नहीं, बिना जांच हो रहा नागरिकों का आवागमन

 

 सीधी से गौरव सिंह की रिपोर्ट:- कोरोना वायरस का संक्रमण एक ओर तेजी से फैल रहा है, देश में मरने वालों की तादाद 2 हजार के करीब पहुंच चुकी है। लेकिन कई जिले ऐसे हैं जहां प्रारंभक जांच तक नहीं हो रही है। खास तौर से प्रवासी मजदूर और अन्य लोग बिना रोक-टोक जहां चाहें जिस जिले में चाहें आसानी से प्रवेश कर जा रहे हैं। कम से कम मध्य प्रदेश में तो ऐसा ही नजारा है।  भले ही कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए राज्यों की सीमाएं सील कर दी गई हों, लेकिन जब से प्रवासी मजदूरों की घरवापसी शुरू हुई है, तब से सील सीमाओं का भी कोई अवचित्त नहीं रह गया है। लोग ई पास लेकर रेल व बसों से अपने जिले में पहुंच रहे है और वहां से गांव-घर भी पहुंच जा रहे हैं। अब अगर मध्य प्रदेश के सीधी जिले से सटे छत्तीसगढ़ की सीमा पर तो नजारा ही एकदम अलग दिख रहा है। बता दें कि पिछले दिनों आदिवासी बाहुल्य कुसमी जिला पंचायत में मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ की सीमा नगपोखर व ताल पर तैनात एसएसएफ जवानों से पत्रिका ने प्रवासी मजदूरों की स्क्रीनिंग वो कोरंटाइन के बाबत जानकारी हासिल की। जवानों ने बताया कि प्रदेश के बाहर तथा सीधी जिले के अन्य हिस्लों में जाने वाले मजदूरों को उनका आधार कार्ड या परिचय पत्र देख कर जाने दिया जाता है। उनका किसी तरह का स्वास्थ्य परीक्षण नहीं होता। मेडिकल टेस्ट का इंतजाम ही नहीं है यहां। उन्होंने बताया कि सीधी व कुसमी जिला पंचायत के लोगों के नाम,पता, आधार नंबर की सूची तैयार कर स्थानीय प्रसासन को सौंप दी जाती है। उसके बाद स्थानीय प्रशासन ही संबंधित ग्राम पंचायत के सचिव व सरपंच को सूचित करता है। बताया गया कि प्रदेश की सीमा पर किसी भी प्रकार की स्क्रीनिंग सहित क्वारंटीन की व्यवस्था नहीं है 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button