SBI बैंक में किए गए बड़े बदलाव, जानिए पूरी जानकारी 

भारतीय स्टेट बैंक में 1 अक्टूबर, 2019 से हुए बड़े बदलाव 

 देश के सबसे बड़े बैंक, यानी भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) में आज, यानी 1 अक्टूबर, 2019 से बड़े बदलाव किए गए हैं | दरअसल, बैंक द्वारा विभिन्न प्रकार की सेवाओं पर लगने वाले सेवा शुल्क, यानी सर्विस चार्जेज़ में कई प्रकार के बदलाव किए गए हैं | इन बदले हुए नियमों में औसत मासिक बैलेंस, नकदी जमा, नकदी निकासी और नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (National Electronic Funds Transfer या NEFT) व रीयल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (Real Time Gross Settlement या RTGS) के माध्यम से किए जाने वाले राशि ट्रांसफर से जुड़े नियम शामिल हैं | 

भारतीय स्टेट बैंक की शहरी क्षेत्रों में मौजूद शाखाओं के ग्राहकों, यानी खाताधारकों के लिए औसत मासिक बैलेंस की सीमा को 5,000 रुपये से घटाकर अब 3,000 रुपये तक कर दिया गया है | वहीं, स्टेट बैंक की अर्द्धशहरी शहरी शाखाओं (Semi-urban branches) के लिए AMB अब 2,000 रुपये किया गया है | इसके अलावा, भारतीय स्टेट बैंक के ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूद शाखाओं में औसत मासिक बैलेंस को घटाकर अब 1,000 रुपये कर दिया गया है | 

डिजिटल माध्यमों से NEFT और RTGS की बात करें तो इसमें किए जाने वाले लेन-देन निःशुल्क रहेंगे, लेकिन बैंक की शाखाओं में जाकर इस प्रकार का लेन-देन करने पर शुल्क वसूला जाएगा | 10,000 रुपये तक के NEFT ट्रांज़ैक्शन पर ग्राहक को 2 रुपये और GST चुकाना होगा | वहीं, 10,000 रुपये से 1,00,000 रुपये तक के NEFT ट्रांज़ैक्शन पर 4 रुपय और GST, 1,00,000 रुपये से 2,00,000 रुपये तक के NEFT ट्रांज़ैक्शन पर ग्राहक को 12 रुपये और GST, इसके अलावा 2,00,000 रुपये से अधिक के NEFT ट्रांज़ैक्शन पर खाताधारक को 20 रुपये और GST चुकाना पड़ेगा | 
 

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