Satna : डॉक्टर की फर्जी डिग्री से लोन लेने वाला पुलिस की गिरफ्त में

सतना/मैहर से सैफी की रिपोर्ट– डॉक्टर की फर्जी डिग्री लेने के बाद निजी नर्सिंग होम में प्रेक्टिस करते हुए क्लीनिक संचालित करने वाले एक आरोपी को कोलगवां थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोप है कि इसने फर्जी डिग्री के दम पर निजी कंपनी से लोन फाइनेंस कराया था। जब दस्तावेज जाली होने की पोल खुली तो फाइनेंस कंपनी ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई। जिसमें जांच करने के बाद आरोपी के खिलाफ कार्रवाही की गई है।
यह है शिकायत– दो दिन पहले तना के बस स्टैण्ड स्थित बजाज फाइनेंस कंपनी के मैनेजर फरियादी मोहम्मद इमरान मंसूरी मैनजर ने कोलगवां थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि आरोपी अनुराग त्रिपाठी पुत्र अरविंद त्रिपाठी (34) निवासी श्रवण स्कूल के पीछे रीवा ने एमबीबीएस, एमएस की फर्जी डिग्री बनवाकर कूट रचित दस्तावेज के माध्यम से फाइनेंस कंपनी से धोखाधड़ी करते हुए 13 लाख 90 हजार रुपए का लोन लिया है। जांच के बाद एफआइआर फाइनेंस कंपनी की शिकायत के बाद जांच करते हुए पुलिस ने 17 फरवरी को आइपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 के तहत एफआइआर दर्ज कर ली। इसके साथ ही आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की।
उप निरीक्षक शैलेंद्र पटेल ने विवेचना करते हुए दस्तावेजों की जांच की तो पता चला कि फर्जीवाड़ा किया गया है। कई शहरों में प्रेक्टिसपुलिस की विवेचना में यह बात सामने आई कि आरोपी कथित डॉक्टर ने वर्ष 2010 में नेता जी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर की एमबीबीएस की फर्जी एवं एम्स जोधपुर राजस्थान की एमएस की फर्जी डिग्री बीकानेर से बनवाकर ललित मेडिकल एवं अन्या हॉस्पिटल भरहुत नगर सतना, आयुष मेडिकल पाली उमरिया, मदर टेरेसा हॉस्पिटल पन्ना, ज्योति मेडिकल बैकुण्ठपुर एवं रीवा में प्रैक्टिस किया है। बैनर, सील लेटर पैड जब्त निरीक्षक मोहित सक्सेना के निर्देश पर एसआइ शैलेन्द्र पटेल ने प्रधान आरक्षक देवनारायण उपाध्याय, साइबर सेल के प्रधान आरक्षक दीपेश पटेल, आरक्षक कमलाकर सिंह, विपिन सोंधिया, संजय मिश्रा की मदद से आरोपी कथित डॉक्टर को गिरफ्तार कर डॉक्टर अनुराग त्रिपाठी के नाम का बैनर, लेटर पैड, बीपी चेक करने की मशीन, स्टैथौस्कोप, एमबीबीएस व एमएस की फर्जी सर्टिफिकेट व लोन के दस्तावेज जब्त किए हैं।