सरपंच संघ की मांग, चुनाव रद्द हो गए साहब हमारे पॉवर और रूतबा लौटा दो

सरपंच संघ की मांग, चुनाव रद्द हो गए साहब हमारे पॉवर और रूतबा लौटा दो

सागर/निशा चौकसे:-  मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण के कारण पंचायत चुनाव रद्द होने के बाद कई उम्मीदवार इस फैसले से खुश है तो कई उम्मीदवारों को इससे शिकायत है. बता दें कि प्रदेश के सागर में सोमवार को सरपंच एकता कल्याण संघ ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर सरपंच के पावर यथावत रखने की मांग की है.

ज्ञापन में की गई ये मांगे 
ज्ञापन में कहा गया है कि 4 दिसंबर को पंचायत चुनाव की घोषणा और आचार संहिता लगने के बाद से सभी सरपंचों के अधिकार छिन गए थे. विकास कार्य रूक गए थे. लेकिन कुछ कार्य की राशि आहरण नहीं हुई थी. उक्त कार्यों को लेकर सरपंच-सचिव असमंजस में हैं। ज्ञात हो कि मप्र पंचायत ग्रामीण विकास द्वारा अधोसंरचना, जल संरक्षण, स्वच्छता आदि कार्य किए जा रहे हैं। संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि 15 महीनों की कांग्रेस सरकार ने पंचायतों में राशि नहीं दी। मार्च 2021 में भाजपा की सरकार आई और सभी लोग कोरोना बचाव अभियान में लग गए। इस अभियान में सरपंचों ने भी अपनी महती भूमिका निभाई.  उसके बाद कई कार्य शुरू किए गए लेकिन उसके बाद 4 दिसंबर को आचार संहिता लग गई, जिसमें करोड़ों रूपए नहीं निकल पा रहे हैं.

कांग्रेस ने चुनाव में लगाया अड़ंगा 
सरपंच संघ ने कहा कि कांग्रेस ने ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी. कांग्रेस ने चुनाव में अड़ंगा लगाया। अब चुनाव निरस्त हो गए हैं, लेकिन सरपंचों के अधिकार अभी जनपद के अधिकारियों के पास हैं. संघ के पदाधिकारियों ने मांग की है कि उन्हें पुन: ग्राम पंचायतों में अधिकार दिलाए जाएं. 

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