संत बाबा की आत्महत्या का हिसाब दे पीएम मोदी!! जाने कब केंद्र सरकार नींद से जागेगी, इस काले कानून को कब वापस लेगी
संत बाबा की आत्महत्या का हिसाब दे पीएम मोदी!! जाने कब केंद्र सरकार नींद से जागेगी, इस काले कानून को कब वापस लेगी
बीते 26 नवंबर से देश में किसान आंदोलन जारी है किसान कृषि बिल को लेकर आंदोलन कर रहे हैं इसी बीच आज एक किसान राम सिंह ने किसान आंदोलन को लेकर पहले सुसाइड नोट लिखा और फिर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली..
किसान राम सिंह ने सुसाइड नोट में किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए उनके हक में आवाज बुलंद की है,, संत बाबा हरियाणा एसजीपीसी के नेता थे..
बाबा जी के सेवादार गुरमीत सिंह ने भी घटना की पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि बाबा जी के हरियाणा और पंजाब में ही नहीं, दुनियाभर में लाखों की संख्या में अनुयायी हैं।
जिसके बाद अब पूरे देश भर में किसानों के समर्थन में कई संगठन और भी उतार कर सामने आए. कांग्रेस नेता भी समर्थन में अपना विरोध और तेज कर चुके हैं पर अभी तक केंद्र सरकार की तरफ से कोई भी ऐसी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई जिससे किसानों को संतुष्टि मिल सके. किसानों का कहना है कि कृषि बिल को हर हाल में केंद्र सरकार को वापस लेना होगा पर केंद्र सरकार बिल में संशोधन करने को तैयार है लेकिन बिल खत्म करने को तैयार नहीं है.