किसानों की कर्जमाफी पर बवाल : "न स्वीकार न इंकार करने" की स्थिति में सरकार, पहले भी हो चुकी है किरकिरी
मध्यप्रदेश/भोपाल – किसान कर्ज माफी भले ही कमलनाथ सरकार ने शुरू की हो, लेकिन शिवराज सरकार के लिए यह आफत बन गई हैं। पिछले विधानसभा सत्र में सरकार कर्ज माफी योजना को स्वीकार करके पहले ही किरकिरी करा चुकी है यही वजह है कि अब इस योजना के नाम पर मंत्रियों से जवाब देते नहीं बन रहे हैं।
बता दे कि बजट सत्र की शुरुआत से लेकर अब तक 3 दिन में किसान कर्ज माफी के सबसे ज्यादा सवाल पूछे गए हैं। 23 फरवरी, 2 मार्च और 9 मार्च की विधानसभा प्रश्नोत्तरी में कांग्रेस विधायकों ने 26 सवाल किसान कर्जमाफी को लेकर थे। इन सवालों के जवाब में कृषि मंत्री सिर्फ इतना लिख पाए हैं की जानकारी एकचित्र की जा रही हैं। यानी वे ना तो इसे स्वीकार करने की स्थिति में है और ना ही इंकार कर पा रहे हैं। कृषि मंत्री कैमरे के सामने इस योजना को भी भले ही बुरा भला कह रहे हो लेकिन विधानसभा में पूछे गए सवालों पर उन्हें जवाब नहीं सूझ रहा हैं।
कृषि मंत्री कमल पटेल का कहना है कि कांग्रेस ने किसानों को कर्ज माफी के नाम पर छला हैं। कांग्रेस ने कर्ज माफी की होती तो उसकी ये दुर्गति नहीं होती। कर्जमाफी का झूठ बोलकर कांग्रेस ने सरकार बनाई थी। किसान यह सारी हकीकत जानते हैं।
इधर नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि हमारी सरकार ने वादे के मुताबिक क़र्ज़माफी की प्रक्रिया शुरू की थी, जिसे विधानसभा में इस सरकार ने स्वीकारा था। हमने 26 लाख 95हज़ार किसानों का 11 हज़ार करोड़ से अधिक की कर्जमाफी की थी। दूसरा चरण भी शुरू हो गया था। अब यह सरकार हमारे सवालों से बचने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन किसान सच्चाई जानते हैं।